हिमाचल प्रदेश : यौन शोषण मामले में प्रिंसिपल गिरफ्तार, छात्राओं की शिकायत पर कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश : यौन शोषण मामले में प्रिंसिपल गिरफ्तार, छात्राओं की शिकायत पर कार्रवाई

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बिलासपुर, 23 मई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल को गुरुवार देर रात यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया। छात्राओं की तरफ से की गई शिकायत के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया। आरोप है कि प्रिंसिपल छात्राओं के साथ छेड़खानी करता था, कभी उन्हें गलत तरीके से छूता था, तो कभी उन पर अभद्र टिप्पणी करता था।

छात्राओं ने बताया कि जब कभी भी हम अपने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत करने के बारे में सोचते थे, तो वे हमें धमकी देते थे कि मैं तुम्हें आगे नहीं बढ़ने दूंगा। मैं तुम्हारे इटरनल नहीं होने दूंगा। इससे पहले जब हमारी एक सीनियर ने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत करने का फैसला किया था, तो उसके इंटरनल नहीं होने दिए गए। लेकिन, आज हमें इस बात की खुशी है कि हम सभी ने एकजुट होकर इस शिकायत की, जिससे गिरफ्तारी संभव हो पाई। हमें इसे अपना टीचर कहते हुए घिन आती है। यह टीचर तो दूर की बात, बल्कि इंसान होने के लायक भी नहीं है।

छात्राओं ने बताया कि सुंदरनगर इंजीनियरिंग कॉलेज में भी अपनी तैनाती के दौरान प्रिंसिपल ने छात्राओं के साथ छेड़खानी की थी, जिसकी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर तब ही ऐसी कार्रवाई होती, तो आज ऐसी स्थिति का सामना ही नहीं करना पड़ता। इसके बाद जब इसका तबादला राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ, तब भी इसका रवैया नहीं बदला।

इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग थर्ड ईयर की छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि वे लड़कियों को गलत तरीके से छूते थे। वे लड़कियों से कहते थे कि तुम मेरे कैबिन में आना, मैं तुम्हें समझाऊंगा। वे लड़कियों से यहां तक कहते थे कि तुम मेरे कैबिन में अकेली आना। यही नहीं, जब कोई लड़की बीमार पड़ जाती थी, तो वे बेहोशी की हालत में उसे गलत तरीके से छूते थे। अब तक तो यह सब छुपा हुआ था, लेकिन जब आज एक लड़की ने हिम्मत करके अपनी आवाज उठाई, तो हम सभी छात्रों ने उसका समर्थन किया और पुलिस से मांग की कि इस शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, कॉलेज में पढ़ने वाली अन्य छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

कुछ का आरोप है कि इजाजत लिए बिना उनके वीडियोज बनाए जाते थे और छात्राओं को पर्सनल मैसेज भी किया जाता था।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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