टीएमसी पर जनता का दबाव, तभी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक को भेजने का फैसला किया : दिलीप घोष

टीएमसी पर जनता का दबाव, तभी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक को भेजने का फैसला किया : दिलीप घोष

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IANS
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टीएमसी जनता के दबाव की वजह से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक को भेजने का फैसला किया : दिलीप घोष

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता 21 मई (आईएएनएस)। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गठित सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने की मंजूरी क्यों दी इसकी वजह भाजपा नेता दिलीप घोष ने बताई है! उनके मुताबिक टीएमसी जो इसका बहिष्कार करने जा रही थी ऐसा इसलिए नहीं कर पाई क्योंकि उस पर जनता का दबाव था।

भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि पूरे भारत में पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत राय बनाई है। अगर टीएमसी पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बोलती है, तो उनके लिए राजनीतिक रूप से जीवित रहना मुश्किल होगा। वे केवल मुस्लिम वोट बैंक को देखते हुए ऐसे कदम उठाते हैं।

पांच सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल 21 से 23 मई तक श्रीनगर, पुंछ और राजौरी का दौरा करेगा। इस पर भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि ये लोग मुर्शिदाबाद मामले को छुपाना चाहते हैं और कश्मीर के लोगों से मिलने जा रहे हैं। बंगाल में कश्मीर से भी बुरा हाल है, इस बात को ध्यान में रखे टीएमसी।

उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद दंगे में जो हिंदुओं का नुकसान हुआ है, घर - मंदिर तोड़ा गया है, हत्याएं भी हुई हैं, वहां पर टीएमसी प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजती है। वह क्यों नहीं बोलती है कि हिंदू भाइयों के साथ खड़े हैं। मुर्शिदाबाद दंगे में पीड़ित को देखने नहीं जाते हैं, लेकिन कश्मीर जरूर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वह मुर्शिदाबाद में 15 दिन बाद जाते हैं, जब वहां पर साक्ष्य मिटा दिया जाता है। इस दौरान मीडिया को घुसने नहीं दिया जाता है।

वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री 29 मई को बंगाल आएंगे। इसको लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग यहां राजनीतिक परिवर्तन चाहते हैं। यहां भी मोदी राज और डबल इंजन सरकार चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरे देश के साथ-साथ बंगाल के लोगों को भी भरोसा है। पीएम मोदी के आने के बाद राजनीतिक परिवर्तन के दिशा में लोग आगे बढ़ेंगे।

पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले पर कहा कि किसी को पैसा देकर नौकरी करना, हेराफेरी करना, लिस्ट बदल देना, ओएमआर सीट गायब कर देना अगर भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है। आप परिभाषा बदल सकते हैं, लेकिन वास्तविकता नहीं बदल सकते हैं। बंगाल के लोग जान गए हैं कि कितनी बड़ी हेराफेरी की गई है।

-- आईएएनएस

एएसएच/केआर

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