रांची, 20 मई (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने पहले ही इस घोटाले के बारे में आगाह कर दिया था।
बाबूलाल मरांडी ने एक बयान में दावा किया कि शराब घोटाले में सीबीआई जांच शुरू होने के भय से एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में आज जिस शराब घोटाले की बात सामने लाई गई है, उसके बारे में उन्होंने 19 अप्रैल 2022 को ही पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया था।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के पहले ही हमने बता दिया था कि छत्तीसगढ़ के माफियाओं के साथ मिलकर किन-किन लोगों को झारखंड में इस काम में लगाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उस वक्त न तो उनके पत्र पर नोटिस लिया और न ही उनकी चेतावनियों पर ध्यान दिया गया। सरकार ने उनकी बातों को न सिर्फ अनसुना कर दिया, बल्कि मजे से घोटाला किया और घोटाला होने दिया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के शराब माफिया के खर्च पर हेमंत सरकार की पूरी कैबिनेट ने रायपुर दौरे का लुत्फ उठाया था। अब जब छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में कार्रवाई हो रही है और मामला ईडी-सीबीआई तक पहुंच गया है तो यहां एसीबी की जांच और कार्रवाई पर कोई कैसे भरोसा करेगा? उन्होंने संभावना जताई कि छत्तीसगढ़ में जारी सीबीआई जांच के भय से अब बड़ी मछलियों को बचाने के लिए कुछ लोगों को बली का बकरा बनाया जा रहा है।
मरांडी ने मुख्यमंत्री सोरेन को संबोधित करते हुए अपने बयान में कहा है कि अगर मुख्यमंत्री सचमुच शराब घोटाले की सच्चाई उजागर करना चाहते हैं तो इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दें।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड के शराब घोटाले में सीनियर आईएएस एवं पूर्व एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है।
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