पटना, 20 मई (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को कृषि विभाग द्वारा खरीफ महाअभियान के अंतर्गत राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य खरीफ फसल का उत्पादन बढ़ाना और किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ने के अलावा जलवायु-स्मार्ट खेती को प्रोत्साहित करना है।
कार्यशाला में आए लोगों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, “जब तक कृषि वैज्ञानिक खेतों तक नहीं जाएंगे, तब तक खेती में बदलाव संभव नहीं। हमारा लक्ष्य है बिहार को कृषि नवाचार का मॉडल राज्य बनाना।”
कार्यशाला में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, जिला कृषि पदाधिकारी एवं सैकड़ों प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। उन्होंने उन्नत बीज, जैविक खाद, सटीक सिंचाई, मौसम आधारित खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान उत्पादक संगठन, कृषि बीमा योजनाएं और सब्सिडी से संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की।
इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों ने किसानों को नई तकनीकों, रोग नियंत्रण उपायों और टिकाऊ खेती के तरीकों की जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार की उर्वर भूमि, हमारे कर्मठ किसान और एनडीए की डबल इंजन सरकार की दूरदर्शी नीतियां जब एक दिशा में चलें, तो हर खेत हरियाली से लहलहाता है और समृद्धि का नया इतिहास लिखा जाता है। यह महाभियान केवल खेती का अभियान नहीं, यह बिहार के किसान को अन्नदाता से उद्यमी के रूप में सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
उन्होंने कहा कि आज का किसान केवल खेतों का मालिक नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का स्तंभ है। यही कारण है कि एनडीए सरकार का लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और तकनीकी तौर पर दक्ष करना है। कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए कृषि रोडमैप 2025 में बदलाव करेगी और डिजिटल खेती, ड्रोन टेक्नोलॉजी और स्मार्ट फार्मिंग को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि यह कार्यशाला बिहार में वैज्ञानिक, टिकाऊ और लाभकारी खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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