भारतीय सेना पहले से ज्यादा मजबूत, तकनीक से लैस : पूर्व सैनिक

भारतीय सेना पहले से ज्यादा मजबूत, तकनीक से लैस : पूर्व सैनिक

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IANS
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Patna: ATS Conducts Anti-Terror Exercise at Mahavir Temple

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लखनऊ, 10 मई (आईएएनएस)। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान लगातार उकसावे की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना हर साजिश को नाकाम कर रही है।

युद्ध का अनुभव रखने वाले पूर्व सैनिकों का कहना है कि आज की भारतीय सेना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा ताकतवर और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।

भारतीय वायुसेना में वारंट ऑफिसर रहे प्रह्लाद सिंह के मुताबिक, पहले और अब के युद्ध में जमीन-आसमान का फर्क है। पहले युद्ध पारंपरिक हथियारों से लड़े जाते थे। एयरस्ट्राइक में हम सीधे जाकर फायरिंग करते थे। लेकिन, अब भारत के पास कंप्यूटर-गाइडेड मिसाइलें और अत्याधुनिक हथियार हैं, जिनसे दूर बैठकर भी निशाना साध सकते हैं। युद्ध अब हाई-टेक हो चुका है।

उन्होंने बताया, “मैं 1971 के युद्ध में श्रीनगर में आर्मी के साथ काम कर रहा था, तब ड्रोन जैसी कोई चीज नहीं थी, एयर ऑब्जर्वेशन फोर्स हेलीकॉप्टर से दुश्मन की स्थिति पर नजर रखते थे। आज की स्थिति में पाकिस्तान भारत के सामने गीदड़ जैसा है, असल मुकाबला तो चीन जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वी से है। पाकिस्तान के पास तो ईंधन तक की कमी है। जरूरत पड़ी, तो आज भी सीमा पर जाने को तैयार हूं।”

भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड दिवाकर सिंह ने बताया, “साल 1962 में तो हवाई लड़ाई तक नहीं हुई थी, केवल आमने-सामने की भिड़ंत थी। साल 1965 में एयरफोर्स और नेवी का विस्तार हुआ। साल 1971 की लड़ाई में तीनों सेनाएं सक्रिय रहीं, लेकिन तब एआई जैसी तकनीक नहीं थी। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से सेना की क्षमता कई गुना बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर भी आतंकी ठिकानों पर केंद्रित है, आम नागरिकों या पाकिस्तानी सैन्य अड्डों पर नहीं। पाकिस्तान की नीति गलत रही है, इसलिए दुनिया में वह अलग-थलग पड़ गया है।”

भारतीय नौसेना में रहे घनश्याम केशरी ने बताया, “1999 के कारगिल युद्ध में हमने सपोर्टिंग भूमिका निभाई। उस समय कई चीजें मैनुअल थीं, लेकिन आज तकनीक के चलते काम काफी आसान और तेज हो गया है। हथियारों के वजन में कमी आई है, कंप्यूटर से ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता, लेकिन भारतीय सेना हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है।”

राजपूत रेजिमेंट के पूर्व सैनिक जंगबहादुर सिंह चौहान ने कहा, “मैं कारगिल युद्ध के दौरान राजस्थान में तैनात था। अब सेना में बहुत बदलाव आए हैं, हथियार आधुनिक हुए हैं, इंफैंट्री की जगह एयरस्ट्राइक और मिसाइलों का महत्व बढ़ा है। ड्रोन, सैटेलाइट जैसी नई तकनीकों ने भारतीय सेना को बेहद मजबूत बनाया है। भारत हर मोर्चे पर तैयार है और हमारी नीति हमेशा निष्पक्ष रही है।”

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम/एकेजे

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