पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले को लेकर संतों का विरोध, स्वामी शिवानंद ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले को लेकर संतों का विरोध, स्वामी शिवानंद ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले को लेकर संतों का विरोध, स्वामी शिवानंद ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

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IANS
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पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले को लेकर संतों का विरोध, स्वामी शिवानंद ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में हिंदू, साधु-संतों और धार्मिक प्रतीकों पर लगातार हो रहे हमलों पर विरोध तेज हो गया है। इसके विरोध में आयोजित की गई रैली में शामिल होने हावड़ा के उलुबेरिया पहुंचे स्वामी शिवानंद जी महाराज ने ममता बनर्जी सरकार का जमकर हमला किया।

उन्होंने राज्य में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंता जताई और कहा कि बंगाल में अब गणतंत्र खतरे में है। स्वामी शिवानंदजी महाराज ने आरोप लगाया कि हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन राज्य की सरकार और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि हावड़ा में हिरण्यमय गोस्वामी महाराज जैसे संत के केश (बाल) जिहादी तत्वों द्वारा काट दिए गए, जो न केवल धार्मिक भावनाओं पर आघात है, बल्कि यह दर्शाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल को “ बांग्लादेश” बनाने की साजिश रची जा रही है और सरकार पूरी तरह निष्क्रिय बनी हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन न तो कोई सख्त कदम उठा रहा है और न ही पीड़ितों को सुरक्षा दे पा रहा है।

स्वामी शिवानंद ने कहा कि मुर्शिदाबाद जैसे इलाकों से हिंदुओं का पलायन हो रहा है, क्योंकि वहां पर जिहादी तत्वों द्वारा हिंसा और आगजनी की घटनाएं की जा रही हैं। उन्होंने मालदा, श्यामपुर और बेलडांगा जैसी जगहों का उदाहरण देते हुए बताया कि दुर्गा मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, कार्तिक पूजा और रामनवमी के अवसर पर अशांति फैलाई जा रही है, इसके बावजूद राज्य प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

उन्होंने राज्य में बढ़ती असुरक्षा और धार्मिक असहिष्णुता को देखते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। स्वामी शिवानंद ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से आग्रह किया कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, ताकि जनता की सुरक्षा और संविधान की रक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि अगर अभी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया, तो राज्य में हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

--आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

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