चुनाव आयोग का संवाद आमंत्रण, कानूनी ढांचे में चुनाव सुधार पर फोकस

चुनाव आयोग का संवाद आमंत्रण, कानूनी ढांचे में चुनाव सुधार पर फोकस

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IANS
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ECI invites suggestions from political parties to strengthen electoral processes

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय निर्वाचन आयोग ने देशभर के सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल तक अनसुलझे मुद्दों पर सुझाव आमंत्रित किए हैं। इन मुद्दों का निपटान निर्वाचन रजिस्ट्री अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर किया जाएगा।

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को एक पत्र के माध्यम से राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही पार्टी अध्यक्षों तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ, एक सहमति के अनुसार, संवाद करने का प्रस्ताव भी रखा, ताकि चुनावी प्रक्रियाओं को कानूनी ढांचे के अनुसार और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।

पिछले सप्ताह निर्वाचन आयोग की एक सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओ को निर्देशित किया था कि वे नियमित रूप से राजनीतिक दलों के साथ संवाद स्थापित करें। इस दौरान प्राप्त किसी भी सुझाव का निपटान पहले से स्थापित कानूनी ढांचे के भीतर किया जाए और आयोग को 31 मार्च तक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आयोग ने राजनीतिक दलों से इस विकेंद्रीकृत संवाद तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने की अपील भी की है।

निर्वाचन आयोग ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि राजनीतिक दल भारतीय संविधान और वैधानिक ढांचे के तहत पहचाने गए 28 प्रमुख भागीदारों में से एक हैं। इस ढांचे में सभी चुनावी प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। आयोग ने यह भी बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1950 और 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव आचार संहिता, 1961, उच्चतम न्यायालय के आदेश, और निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश, मैनुअल और हैंडबुक्स (जो निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं), ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।

--आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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