मस्का का पुतला लटकाया, अरबपति बिजनेसमैन पर लग रहे 'नाजी सैल्यूट' करने के आरोप, क्या होता है ये?

मस्का का पुतला लटकाया, अरबपति बिजनेसमैन पर लग रहे 'नाजी सैल्यूट' करने के आरोप, क्या होता है ये?

मस्का का पुतला लटकाया, अरबपति बिजनेसमैन पर लग रहे 'नाजी सैल्यूट' करने के आरोप, क्या होता है ये?

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IANS
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Jitan Ram Manjhi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाशिंगटन, 22 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाषण के दौरान अरबपति टेक दिग्गज एलन मस्क के हाथ के इशारे की व्यापक आलोचना हुई। आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने नाजी सैल्यूट किया।

इतालवी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मंगलवार को मिलान के पियाजेल लोरेटो में मस्क का पुतला उल्टा लटका दिया। यह वह कुख्यात स्थल है जहां 1945 में फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के शरीर के बर्बरता की गई और उसके शव को अन्य लोगों के साथ उलटा दिया गया।

हालांकि मस्क ने इन प्रतिक्रियाओं को खारिज करते हुए कहा, सच कहूं तो उन्हें बेहतर गंदी चालों की ज़रूरत है। हर कोई हिटलर है का हमला बहुत थका देने वाला है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र समूह कैम्बियारे रोट्टा (पाठ्यक्रम बदलें) ने इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। लटकते हुए पुतले की तस्वीरें साझा कीं - जिसे कचरे से भरे बोरे से बनाया गया था और जिस पर मस्क के चेहरे का प्रिंटआउट चिपका हुआ था।

पियाजेल लोरेटो में हमेशा जगह होती है, एलन... ग्रुप ने मस्क और बदनाम फासीवादी नेता के बीच समानताएं बताते हुए लिखा।

नाजी सैल्यूट, [जिसे हेल हिटलर सैल्यूट के नाम से भी जाना जाता है], नाजी जर्मनी में आधिकारिक अभिवादन के रूप में प्रयोग की जाती थी। इसमें दाहिने हाथ को कंधे से हवा में उठाकर सलामी दी जाती है. जिसमें हथेली नीचे की ओर होती है. आमतौर पर 45 डिग्री के कोण पर। यह इशारा प्राचीन रोम में सलामी देने के तरीके मिलत जुलता है।

इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी, जिसका लक्ष्य देश को शाही रोम के दौर में वापस लाना था, ने 1925 में इस सलामी को अपनाया।

जर्मनी में नाजी पार्टी ने नाजी सलामी को आधिकारिक तौर पर 1926 में अपनाया, हालांकि पार्टी के भीतर इसका प्रयोग 1921 से ही शुरू हो गया था।

दूसरे विश्व युद्ध के तुरंत बाद, जर्मनी ने सलामी और नाजी प्रतीक चिन्ह के किसी भी प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके लिए तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।

युद्ध के तुरंत बाद ऑस्ट्रिया ने भी नाजी पार्टी और प्रतीक चिन्ह के खिलाफ कानून पारित किए।

जनवरी 2024 में, ऑस्ट्रेलिया ने हिटलर के अधीन शुट्जस्टाफेल (एसएस) अर्धसैनिक समूह से जुड़े नाजी सैल्यूट, नाजी स्वस्तिक और डबल लाइटनिंग बोल्ट प्रतीक चिन्ह पर प्रतिबंध लगा दिया।

कनाडा, फ्रांस और स्विटजरलैंड में, नाजी सैल्यूट को नफरत फैलाने वाला भाषण माना जाता है।

हालांकि, अमेरिका में, अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन के कारण सैल्यूट पर प्रतिबंध नहीं है। पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है लेकिन इसकी वजह से नफरत फैलाने वाले भाषण को महत्वपूर्ण सुरक्षा मिलती है।

---आईएएनएस

एमके/

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