सेना को ताकत प्रदान कर रही 'आत्मनिर्भर भारत' पहल : पूर्व सैन्य अधिकारी

सेना को ताकत प्रदान कर रही 'आत्मनिर्भर भारत' पहल : पूर्व सैन्य अधिकारी

सेना को ताकत प्रदान कर रही 'आत्मनिर्भर भारत' पहल : पूर्व सैन्य अधिकारी

author-image
IANS
New Update

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। आर्म्ड फोर्सज वेटरंस डे के अवसर पर कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भारत की बढ़ती सैन्य ताकत पर न केवल संतोष जताया, बल्कि इसे एक शानदार उपलब्धि करार दिया। पूर्व सैनिकों ने आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल को रक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए विशेष तौर पर सराहा है।

इस अवसर पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा, आत्मनिर्भर भारत पहल हमारी सेना को महत्वपूर्ण ताकत प्रदान कर रही है। यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि हम अब विदेशी स्रोतों पर निर्भर नहीं हैं।

भारत की रक्षा तैयारियों पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बख्‍शी ने कहा कि भारत की सेना में बहुत मजबूती आई है। नई टेक्नोलॉजी शामिल की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर, साइबर वार फेयर में भारत की फौज ने महारथ हासिल की है।

उन्होंने बताया कि धनुष गन हमारे पास आ चुकी है। 8 एक्स गन आज की तारीख में दुनिया की सबसे अधिक प्रभावशाली कॉम्बैट तोप है। इसकी रेंज 48 किलोमीटर है और यह प्रति मिनट पांच राउंड फायर कर सकती है। वहीं, इसकी बराबरी वाली अमेरिकन तोप की रेंज 45 किलोमीटर है और वह प्रति मिनट तीन राउंड फायर कर पाती है। खास बात यह है कि हमारी यह तोप हमारे ही देश में बनी है।

मेजर गौरव आर्या (सेवानिवृत्त) के मुताबिक, रक्षा के क्षेत्र में भारत की सेना पिछले 10 वर्षों में काफी मजबूत हुई है। जो नए नए वेपन प्लेटफॉर्म आए हैं, वैसे तो मैंने आज तक नहीं देखे। इतनी बड़ी तादाद में हथियार आते हुए हमने आज तक नहीं देखे। यह लाभ आत्मनिर्भर भारत की पहल के तहत मिला है। हम जोरावर टैंक की बात करते हैं, वज्र टैंक है, तेजस, आईएनएस विक्रांत और इसके अलावा परमाणु पनडुब्बियां अरिहंत व अरिघात हैं। इनके अलावा और भी कई चीजें हैं। चीनूक हेलिकॉप्टर की बात कर सकते हैं, हमने युद्धक ड्रोन की डील की है। बीते 10 वर्षों में रक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है।

भारतीय सेना की मजबूती पर नौवें सशस्त्र बल वेटरन डे के अवसर पर रिटायर्ड कर्नल डीपीके पिल्लई ने कहा कि मुंबई अटैक का जवाब कैसे दिया गया था, उसकी तुलना उरी अटैक से कर लें तो आप देखेंगे कि उरी हमले का जवाब कैसे दिया गया था। यदि आप हमारी सेना की स्थिति को देखें, तो आप इसकी तुलना उन नीतियों से कर सकते हैं, जो हमने मुंबई में हुए हमलों या चीन की आक्रामकता के समय अपनाई थी। जिस तरह से हमने उरी हमलों या चीन की आक्रामकता का जवाब दिया, आप उसमें एक महत्वपूर्ण अंतर देखेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि हम निष्क्रिय स्थिति से आक्रामक रक्षा नीति की ओर बढ़ गए हैं। आप यह भी देखेंगे कि कई सीमावर्ती सड़कें, जो कई वर्षों से नहीं बनी थीं, चाहे वह चीन सीमा पर हो या जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचा, अब विकसित की जा रही हैं।

--आईएएनएस

जीसीबी/सीबीटी

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment