मुंबई, 28 नवंबर (आईएएनएस)। शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने बुधवार को साफ कर दिया कि अगला सीएम बीजेपी का ही होगा। इसके बाद सीएम फेस को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुंगटीवार ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है।
सुधीर मुंगटीवार ने आईएएनएस से कहा, मैं समझता हूं कि अब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे की चर्चा समाप्त हो चुकी है। एकनाथ शिंदे ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि जो निर्णय हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, वह उनके साथ खड़े रहेंगे। तो मुझे लगता है कि जो शंकाएं पहले थीं, वे अब खत्म हो गईं। यह सवाल जो नेता पर पिछले कई दिनों से उठ रहा था, वह अब स्पष्ट हो गया है।
महा विकास अघाड़ी की हार के बाद कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस लीडरशिप पर पिछले 10 साल से सवाल उठ रहा है। वे विकास, जनकल्याण और देश की प्रगति की बात नहीं करते, बल्कि केवल पीएम मोदी को निशाना बनाने में ही उनकी पूरी ऊर्जा खर्च हो रही है। जिन शब्दों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे जाति और धर्म के आधार पर देश को बांटना, यह सब हमारे खिलाफ है। हमें एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए, क्योंकि यही नागरिक के साथ आगे बढ़ने का रास्ता है। वह हमें बांटने का काम कर रहे हैं। बंटेंगे तो कटेंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि सीएम के चेहरे की घोषणा अगले चार-पांच दिनों में होने की बात कही। साथ ही ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर कहा, जो लोग ईवीएम पर शंका कर रहे हैं, उस पर मैं यह कहूंगा कि जो विधायक चुने गए हैं, उन्हें पहले अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए और बताना चाहिए कि वे क्यों चुने गए। क्या उनका भारतीय जनता पार्टी से कोई समझौता था? अगर ईवीएम में कोई गड़बड़ी थी तो सुप्रिया सुले जैसे लोग कैसे चुने गए। अगर आप इस तरह सोचेंगे तो आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। मुझे भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने अपनी कमियां पहचानीं, उन्हें सुधारने की कोशिश की और फिर आगे बढ़ा। आज मैं अपनी मेहनत से सबसे अधिक वोटों से जीतकर आया हूं।
उन्होंने आगे कहा, अगर आप कांग्रेस पार्टी के भीतर के मुद्दों को देखें, तो समझिए कि वहां स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। अब पार्टी में कितने लोग तैयार हैं नेतृत्व संभालने के लिए? वे महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता तो नहीं बन सकते, क्योंकि उन्हें 10 प्रतिशत सीटें चाहिए, जबकि उनके पास 29 सीटें भी नहीं हैं। अब तो उन्हें अपने विधायकों को होटल में अगले पांच साल तक बंद रखना पड़ेगा, क्योंकि यह भी नहीं कहा जा सकता कि वे कब टूट जाएंगे।
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