रांची, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के बहुचर्चित केस में सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि रहे झामुमो नेता पंकज मिश्र को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। वह दो साल से भी अधिक समय से जेल में बंद हैं। पंकज मिश्र की याचिका पर जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की बेंच में शुक्रवार को सुनवाई हुई थी।
उन्होंने दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी। पंकज मिश्र और ईडी दोनों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को इस मामले में कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पंकज मिश्र की जमानत मंजूर कर ली।
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट तक से उनकी याचिका खारिज हो चुकी थी। ईडी ने साहिबगंज के खनन घोटाले में 1,250 करोड़ से भी अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का दावा करते हुए चार्जशीट दायर की थी और पंकज मिश्र को पूरे घोटाले का किंगपिन बताया था। इस मामले में उनके खिलाफ ट्रायल भी चल रहा है और 20 से अधिक गवाहों की गवाही भी हो चुकी है।
इससे पहले वर्ष 2022 में पंकज मिश्र के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। इस दौरान पांच करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया गया था। दो बार लंबी पूछताछ और अवैध खनन में संलिप्तता के साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने उन्हें 19 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया था।
मामले की जांच के दौरान एजेंसी ने पंकज मिश्र, उसके सहयोगी दाहू यादव और उनके सहयोगियों के 37 बैंक खातों में जमा 11.88 करोड़ रुपये भी जब्त कर ली थी। पंकज मिश्र की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इस मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ की थी। इस मामले में दायर चार्जशीट में हेमंत सोरेन को पंकज मिश्र का संरक्षक बताया गया था।
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