वैशाली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। ‘लखपति दीदी योजना’ का मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस मकसद के साथ केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपना काम भी शुरू कर रही हैं। लखपति दीदी योजना से लाभान्वित नीलम देवी ने आईएएनएस से बात की।
बिहार के वैशाली में रहने वाली नीलम देवी मौजूदा समय में एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार चला रही हैं। उन्होंने विस्तार से इस योजना के साथ अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि पति के मौत के बाद हमारे सामने स्थिति काफी विपरीत हो गई थी। बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी थी। घर की खराब स्थिति को देखते हुए मेरे भाई ने रोजगार चलाने के लिए एक भैंस दी थी। भैंस का दूध बेचकर परिवार जैसे-तैसे चलाना शुरू किया। इसी दौरान गांव की अन्य महिलाओं से लखपति दीदी समूह के बारे में जानकारी मिली।
इसके बाद हमें वहां पर ट्रेनिंग भी मिली। गांव के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी। समूह की बैठकों में भाग लेने के दौरान, मुझे लोन के बारे में जानकारी मिली। पहले लोन के तौर पर 10,000 रुपये मिले। इससे एक छोटी सी दुकान खोल ली। इसके बाद 20 हजार रुपये का भी लोन मिला। इससे दुकान का सामान खरीदा। दुकान अच्छी चल रही है, इससे आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ। इसके अलावा दो बकरियां और एक गाय भी खरीद ली है। बच्चों का भविष्य अब सुरक्षित नजर आ रहा है।
वैशाली प्रखंड़ के मदरना पंचायत की रहने वाली शारदा देवी ने कहा, पहले वह दूध का सेंटर चलाती थी। हालांकि, बिहार में आई बाढ़ और मवेशियों में फैली बीमारी के चलते उन्हें दूध सेंटर बंद करना पड़ा। वह चंपा जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। जहां से उन्हें 20,000 रुपये का लोन मिला। जिसके बाद उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोल ली। दुकान अच्छी चल रही है। बच्चों की पढ़ाई का खर्चा निकल रहा है।
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