लखनऊ, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश की सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में डाली गई जिस याचिका के कारण यहां पर चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ, उस याचिका को वापस लेने के लिए गुरुवार को याचिका डाली गई। इसको लेकर बाबा गोरखनाथ ने आईएएनएस से खास बातचीत की।
बाबा गोरखनाथ ने बताया कि आज मेरी याचिका वापस होनी थी, लेकिन जैसे ही इस केस के सुनवाई का समय आया, वैसे ही समाजवादी पार्टी और सपा नेता अवधेश द्वारा 10 से अधिक वकील खड़े कर दिए गए। अब इस बात पर बहस हो रही है कि याचिका वापस नहीं हो सकती। अभी तक ये लोग कह रहे थे कि भाजपा मिल्कीपुर में चुनाव नहीं लड़ना चाहती, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष तक तंज कस रहे थे, तो आज क्या हो गया? इससे साफ पता चलता है कि समाजवादी पार्टी डर गई है, वो उस निश्चित दिनांक पर चुनाव नहीं चाहती है।
उन्होंने कहा कि समय से उपचुनाव नहीं होने पर हमें बहुत दुख है, मिल्कीपुर की जनता परेशानी झेल रही है। सपा के कथनी और करनी में अंतर हैं। मैं समाजवादी पार्टी से पूछना चाहता हूं कि इतने ज्यादा वकीलों का जत्था भेजने की क्या जरूरत थी? आपकी मंशा साफ हो गई है कि आप चुनाव नहीं चाहते है।
वकील रुद्र विक्रम सिंह ने आईएएनएस को बताया कि याचिका वापसी के वापसी को लेकर एप्लीकेशन डाली गई थी, जिससे की मिल्कीपुर में जल्द से जल्द चुनाव हो सके, लेकिन प्रतिवादी अवधेश प्रसाद नहीं चाहते थे कि याचिका वापसी ली जाए। पहले उन लोगों की मंशा कुछ और थी अब कुछ और नजर आ रही है।
उन्होंने बताया कि अब हमें सारे प्रतिवादियों को नोटिस करना होगा, हम सभी प्रतिवादियों को नोटिस करेंगे। अगर 14 दिनों के अंदर कोई अपना विरोध दर्ज कराया है, तो हो सकता है कि ये कानून प्रक्रिया और आगे बढ़ जाए, अगर कोई विरोध नहीं होता है, तो 15वें दिन इसको वापस ले लिया जाएगा। 15 दिन बाद इसमें सुनवाई होगी।
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