बहराइच, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बहराइच हिंसा के आरोपी सरफराज और तालिब गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए।
उन पर बहराइच में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था। दोनों हिंसा के बाद से फरार चल रहे थे।
सरफराज और उसके साथियों पर रामगोपाल मिश्रा की बेरहमी से हत्या करने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरफराज उत्तर प्रदेश पुलिस से बचने के लिए नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन वह पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया।
पुलिस-प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें। सोशल मीडिया पर फैली भ्रामक पोस्टों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी फैलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बहराइच के महाराजगंज कस्बे में रविवार को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए जुलूस निकाला गया था। इस बीच, एक समुदाय विशेष के लोगों ने तेज आवाज में धार्मिक गाना बजाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शुरू हुआ विवाद हिंसात्मक हो गया। दोनों समुदायों ने एक-दूसरे पर हमले किए।
इस दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिससे पूरा बहराइच हिंसा की आग में दहल उठा। यही नहीं, हमलावरों ने कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने फौरन कमर कसते हुए स्थिति को नियंत्रित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा के परिजनों से मिले और उन्हें आश्वासन दिया कि इस हिंसा में संलिप्त आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इसके अलावा, मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान सरकार की तरफ से किया गया था। परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब तक रामगोपाल को मौत के घाट उतारने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, उनका रोष थमने वाला नहीं है।
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