नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।
वहीं, झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराया जाएगा। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।
दो राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐलान को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि दोनों राज्यों की जनता ने भाजपा को सबक सिखाने का मन बना लिया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार को जो-जो घोषणाएं करनी थी, वह सरकार ने कर ली, पीएम मोदी को जितनी बार जाना था वह जा चुके, हर तरह के प्रलोभन को आजमाया जा रहा है। लेकिन, महाराष्ट्र की जनता समझती है कि यह चोरी की सरकार है, उनके मताधिकार पर डाका डालकर यह सरकार बनी है। वोट के चोट के जरिये जनता इस बार भाजपा को सबक सिखाएगी। महाराष्ट्र की जनता को भाजपा मूर्ख नहीं बना सकती। महाराष्ट्र के सीएम शिंदे को इस बार महाराष्ट्र की जनता बाहर का रास्ता दिखाएगी। उन्होंने जिस तरह से अपनी पार्टी के साथ धोखा किया, जिस तरह से उद्धव ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा, जिस तरह से भाजपा की वह कठपुतली बनकर रहे हैं, लोगों ने उनको सबक सिखाने का मन बना लिया है।
इस महायुति की सरकार से लोग बदलाव चाहते हैं और वह बदलाव कांग्रेस ला सकती है। जो युवाओं की बात करती है, किसानों की बात करती है, महिलाओं की बात करती है। मेरा अपना मानना है झारखंड में जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की गई, एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में डाला गया। उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई। जनता उसका जरूर जवाब देगी।
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से मूर्ति विसर्जन पर बहराइच में दो पक्षों में झड़प हुई, इस घटना से हम काफी दुखी हैं। उत्तर प्रदेश मेरा गृह राज्य है, वहां पर इस तरह की घटना हुई। सबको पता था रूट क्या है, पुलिस प्रशासन और सरकार की जवाबदेही बनती है कि रूट पता होने के बाद इतनी बड़ी अनहोनी कैसे हो गई। मेरा मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को शांति बहाल करने के लिए हर कदम उठाना चाहिए।
मैं हिंदुस्तान के युवाओं से कहना चाहूंगी कि आप अपने भविष्य की चिंता कीजिए। जिस तरह से महाराष्ट्र का जंगलराज सामने आया, वहां गरीब लड़कों से हत्याएं कराई गई, उन लड़कों का जीवन अब पूरी तरह से बर्बाद हो गया। यह कहीं ना कहीं बेरोजगारी के चलते, ड्रग्स के चलते सारी चीजें हो रही है। सरकार अगर शांति बहाल करना चाहेगी तो शांति जरूर बहाल होगी।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे सवालिया निशान पुलिस की भूमिका पर भी लगे हैं। क्या पुलिस और प्रशासन सत्ताधीशों के निर्देश पर इन चीजों को अपनी मौन स्वीकृति देता है। शाम को पता था वहां पर कितनी बड़ी घटना हो गई है, उसके बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। अगले दिन फिर बड़ी अनहोनी होती है। वहां पर आगजनी होती है। इसका जवाब कौन देगा? मेरा अपना मानना है कि लोगों को विभाजित करके, वैमनस्यता फैलाकर हर कीमत पर सत्ता भारतीय जनता पार्टी लेना चाहती है। लेकिन, यह जहर लोगों को समझ में आ गया है।
--आईएएनएस
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