नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर सबसे बड़ा सोर्स अमेरिका बना हुआ है।
केंद्रीय बैंक की 2023-24 के लिए भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देनदारियों और परिसंपत्तियों पर जनगणना के अनुसार, एफडीआई को लेकर अमेरिका पहले स्थान पर है। इसके बाद मॉरीशस, सिंगापुर और यूके का नाम आता है।
इस जनगणना में 41,653 संस्थाओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से 37,407 ने मार्च 2024 तक अपनी बैलेंस शीट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) की जानकारी दी।
2023-24 के लिए भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देनदारियों और परिसंपत्तियों पर जनगणना के अनुसार, इन संस्थाओं में से 29,926 ने पिछली जनगणना के दौरान भी सूचना दी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि प्रतिक्रिया देने वाली संस्थाओं में 97 प्रतिशत से अधिक मार्च 2024 के अंत तक गैर-सूचीबद्ध थीं।
ये संस्थाएं अंकित मूल्य पर कुल एफडीआई इक्विटी पूंजी में प्रमुख हिस्सेदार थीं। गैर-वित्तीय कंपनियों का अंकित मूल्य पर एफडीआई इक्विटी में लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा था।
वैल्यूएशन गेन के साथ-साथ फ्रेश इनफ्लो से समर्थित, भारत में कुल एफडीआई 2023-24 के दौरान रुपये के संदर्भ में बाजार मूल्य पर 23.3 प्रतिशत बढ़ गया। दूसरी ओर, ओडीआई वृद्धि 3.4 प्रतिशत थी, जो कि बहुत कम रही।
पिछले वित्त वर्ष में गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं में बाजार मूल्य पर एफडीआई में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं, सूचीबद्ध क्षेत्र में यह वृद्धि 29.8 प्रतिशत से भी अधिक दर्ज की गई थी।
इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर जानकारी दी थी। आरबीआई ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह 700 अरब डॉलर से ऊपर रहा।
आरबीआई के साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, 4 अक्टूबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 701.18 अरब डॉलर रहा, जो पिछले सप्ताह से 3.71 अरब डॉलर कम है।
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