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मदरसों को बंद नहीं, बल्कि यहां दी जाने वाली शिक्षा को आधुनिक किया जाए : मौलाना चौधरी इब्राहिम हुसैन

मदरसों को बंद नहीं, बल्कि यहां दी जाने वाली शिक्षा को आधुनिक किया जाए : मौलाना चौधरी इब्राहिम हुसैन

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर मदरसों को सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक सहायता को बंद करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मदरसों को बंद किया जाए। उनकी इसी मांग पर अब मौलाना चौधरी इब्राहिम हुसैन की प्रतिक्रिया सामने आई है।

उन्होंने कहा, “प्रियांक कानूनगो ने बच्चों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए मदरसों को बंद करने की मांग की है। लेकिन, मेरा सुझाव रहेगा कि मदरसों को बंद करने के बजाए वहां दी जाने वाली शिक्षा को आधुनिक बनाया जाए, ताकि वहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। वहां पढ़कर निकलने के बाद बच्चों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो सके।”

उन्होंने आगे कहा, “मदरसों में दी जाने वाली शिक्षाओं को आधुनिक बनाया जाए। मदरसों में अंग्रेजी और विज्ञान की शिक्षा दी जाए। अंग्रेजी के शिक्षकों को मदरसों में नियुक्त किया जाए, ताकि वहां पढ़ने वाले बच्चों को आज के जमाने की शिक्षा मिल सके।”

उन्होंने इस बात पर बल दिया, “कई बार हमें यह देखने को मिला है कि मदरसों में पढ़कर निकलने वाले बच्चों ने देश का नाम रोशन किया। उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया। हम सभी को इस बात को ध्यान में रखने होगा कि मदरसों में आमतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चों को पढ़ाया जाता है, ताकि वो अपने जीवन में एक काबिल इंसान बन सकें, जिसे देखते हुए मैं कहना चाहूंगा कि इस बंद करने का ख्याल उचित नहीं होगा। इसके विपरीत हमें यहां दी जाने वाली शिक्षा को आधुनिक बनाना होगा, ताकि आगे चलकर उनके लिए रोजगार के अच्छे अवसर सृजित हो सकें।”

उन्होंने कहा, “मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा प्रणाली में बदलाव किया जाए, क्योंकि यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मदरसों में दी जाने वाली मौजूदा शिक्षा प्रणाली आज के मौजूदा परिदृश्य में बच्चों के लिए उचित नहीं है। लिहाजा, मैं कहना चाहूंगा कि सबसे पहले शिक्षा प्रणाली में बदलाव किया जाए। इसके बाद योग्य शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त किया जाए, ताकि यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके।”

--आईएएनएस

एसएचके/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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