बेंगलुरु, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि राहुल गांधी जब विपक्ष के नेता बने, तो मुझे लगता कि सुधर जाएंगे, मगर वह तो और भी बिगड़ गए हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा और राज्यसभा में प्रधानमंत्री को बोलने नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री के भाषण के समय में वह वेल में कूद गए। क्या भारत के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री के बोलते समय ऐसा व्यवधान डाला गया है? वह देश विरोधी बातें करते हैं और देश विरोधियों के साथ खुलेआम घूमते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने राहुल गांधी के उदय से भाजपा में बेचैनी की बात कही।
उन्होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “राहुल गांधी के उदय के बाद से ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी परेशान हैं। जैसे ही राहुल गांधी ने सक्रियता दिखाई, उनकी आवाज को सुनने का दबाव बढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं, इनमें बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और महिलाओं की सुरक्षा शामिल हैं। बीजेपी अब इन मुद्दों पर विचार कर रही है, जो उनकी सक्रियता का परिणाम है। राहुल गांधी ने जो 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून का मुद्दा उठाया था, उस पर भी बीजेपी को विचार करना पड़ा। यह सब दर्शाता है कि राहुल गांधी की आवाज का असर हो रहा है। किसान अगर राहत प्राप्त कर रहे हैं, तो उसका श्रेय राहुल गांधी को जाता है।”
उन्होंने कहा, “किरण रिजिजू ने एक और बात कही कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ओबीसी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी उनकी मुख्य समस्याओं को समझते नहीं हैं। लेकिन सच यह है कि कांग्रेस ने इस देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा को आगे बढ़ाया है। महिलाओं को पंचायतों में आरक्षण देने का काम किसने किया? क्या यह बीजेपी ने किया? नहीं, बीजेपी तो इसके खिलाफ है। अंबेडकर के प्रति बीजेपी का सम्मान भी संदिग्ध है। कांग्रेस ने अंबेडकर को संसद में लाने का कार्य किया था।”
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