नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में होने वाले एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आयोजित होने वाले एससीओ समिट में हिस्सा लेने के सवाल पर कहा कि ये मेरी एक खास जिम्मेदारी है। मैं अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता हूं। इसलिए एससीओ में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान जा रहा हूं।
दरअसल, पाकिस्तान ने एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा था। लेकिन, भारत की तरफ विदेश मंत्री एस जयशंकर वहां जा रहे हैं। एक लंबे अरसे बाद यह मौका है कि भारत कोई मंत्री पाकिस्तान जा रहा है। इसको लेकर काफी चर्चा है।
विदेशी मामलों के जानकार और पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे को लेकर शनिवार को आईएएनएस से खास बात की थी।
उन्होंने कहा था कि पिछले साल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो भारत में आए थे। लेकिन, द्विपक्षीय सहयोग और बातचीत में इससे कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में मुझे जहां तक लगता है कि एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे पर कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। ऐसे में इस यात्रा को सिर्फ एससीओ समिट में हिस्सा लेने के दृष्टिकोण से देखना चाहिए, ना कि द्विपक्षीय रूप में देखना चाहिए।
अशोक सज्जनहार बताया था कि एससीओ समिट में न्योता प्रधानमंत्री को आया था। क्योंकि, ये प्रधानमंत्रियों की बैठक होने वाली है। इस बैठक को हेड ऑफ गवर्नमेंट कहते हैं, लेकिन इसके ऊपर एक बॉडी है, जिसको हेड ऑफ स्टेट कहते हैं। इसमें प्रधानमंत्री जी हमेशा शिरकत करते हैं। पीएम मोदी ने कभी हेड ऑफ गवर्नमेंट में शिरकत नहीं किया है। ऐसे सम्मेलनों में पीएम मोदी रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री या किसी और मंत्री को भेजते रहे हैं। ऐसे में इस बार विदेश मंत्री को भेजा जा रहा है।
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