नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और वित्त मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने 10 साल में विकास के साथ समानता बढ़ने और 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर निकलने का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था, जीडीपी, ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट, और सेमीकंडक्टर चिप सहित कई मुद्दों पर देश की प्रगति के बारे में बात की।
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत, दुनिया की सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। यह जीडीपी के हिसाब से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट के मामले में नंबर-वन हैं। आज हम, स्मार्ट फोन और डेटा खपत के मामले में नंबर-वन हैं। हम इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में नंबर- दो हैं। दुनिया की करीब-करीब आधी रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन आज भारत में हो रही है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी के मामले में भारत, नंबर- चार पर है। अगर मैन्युफैक्चरिंग की बात करें, तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक है। भारत दोपहिया और ट्रैक्टर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा वैज्ञानिकों तकनीशियनों का पूल भारत में है।”
उन्होंने दुनिया के दो अलग-अलग इलाकों में युद्ध चलने का जिक्र करते हुए कहा, “इस बार का ये कॉन्क्लेव ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े रीजन में युद्ध की स्थिति है। ये दोनों रीजन ग्लोबल इकोनॉमी के लिए, खासतौर पर एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज से बहुत अहम हैं। इतनी बड़ी वैश्विक अनिश्चितता के बीच हम सभी यहां ‘द इंडियन एरा’ यानी भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं। ये दिखाता है कि आज भारत पर विश्वास कुछ अलग ही है। ये दिखाता है कि आज भारत का आत्मविश्वास कुछ विशेष है।”
साथ ही उन्होंने एआई और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश की उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा, “आज भारत का फोकस एआई और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भी है। इनमें हम काफी ज्यादा निवेश कर रहे हैं। हमारे एआई मिशन से एआई के क्षेत्र में अनुसंधान और स्किल, दोनों में वृद्धि होगी। भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के कारण 1.5 ट्रिलियन रुपये यानी डेढ़ लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। बहुत जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट्स, दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाने लगेंगे।”
उन्होंने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा, “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है। यही भावना, भारत की जनता के मैंडेट में दिखती है। 140 करोड़ देशवासियों का ये विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है। हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार ढांचागत बदलाव करते रहेंगे। हमारा ये कमिटमेंट आप हमारे थर्ड टर्म के पहले तीन महीनों के काम में भी देख सकते हैं। योजना में बदलाव और स्किल्स को लेकर मजबूत कमिटमेंट, टिकाऊ विकास और नवाचार पर फोकस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी ऑफ लाइफ, और तेज ग्रोथ की कंटीन्यूटी, ये हमारे पहले तीन महीनों की पॉलिसी का रिफ्लेक्शन है। इस दौरान 15 ट्रिलियन भारतीय रुपये यानी 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फैसले लिए गए हैं। इन्हीं तीन महीनों में भारत में अनेक मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है। हमने देश में 12 औद्योगिक नोडल बनाने का भी निर्णय लिया है। हमने देश में तीन करोड़ नए मकान बनाने को भी मंजूरी दी है।”
इसके बाद पीएम मोदी ने देश में बढ़ते औद्योगिक उत्पादन पर कहा, “भारत के इस कॉन्फिडेंस के पीछे कुछ ठोस कारण हैं। मैन्युफैक्चरिंग हो या फिर सर्विस सेक्टर आज दुनियाभर के देश भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह मान रहे हैं। ये कोई संयोग नहीं है, बल्कि ये बीते 10 साल में हुए बड़े रिफॉर्म्स का ही नतीजा है। इन रिफॉर्म्स ने भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों को बदल दिया है। जैसे एक उदाहरण भारत के बैंकिंग रिफॉर्म्स का है। हमारे बैंकिंग रिफॉर्म्स ने बैंकों की वित्तीय स्थिति को तो मजबूत किया ही है, उनकी उधार देने की क्षमता को भी बढ़ाया है। इसी तरह, जीएसटी ने अलग-अलग सेंट्रल और स्टेट अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत किया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानी आईबीसी ने जिम्मेदारी, वसूली और समाधान का नया क्रेडिट कल्चर डेवलप किया है। भारत ने माइनिंग, डिफेंस, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर्स को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए, हमारे युवा उद्यमियों के लिए खोला है। हमने एफडीआई नीति को उदार बनाया गया, ताकि दुनियाभर के इन्वेस्टर्स के लिए यहां ज्यादा से ज्यादा अवसर बन सकें। हम अपनी रसद लागत और समय को कम करने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। हमने बीते दशक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश को अभूतपूर्व स्केल पर बढ़ाया है।”
--आईएएनएस
पीएसएम/सीबीटी
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