नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओलंपिक पदक विजेता सायना नेहवाल और पीवी सिंधु से पहले भारतीय महिला बैडमिंटन की पहचान मधुमिता बिष्ट से थी। 5 अक्टूबर, 2024को 60 वर्ष की होने जा रही मधुमिता का जन्म 5 अक्टूबर 1964 को हुआ था।
मधुमिता उत्तराखंड की एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। देश में उनकी गिनती नामी बैडमिंटन खिलाडियों में की जाती है। वह आठ बार राष्ट्रीय एकल विजेता, नौ बार युगल विजेता और 12 बार मिश्रित युगल विजेता रह चुकी हैं।
1982 में मधुमिता ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता और 1998 में आयोजित एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा बनी थीं। मधुमिता बिष्ट ने 1992 में बार्सिलोना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और विश्व कप और उबेर कप टूर्नामेंट में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वर्ष 2002 में उन्होंने खेल से संन्यास ले लिया और भारतीय रेलवे के लिए एक सरकारी पर्यवेक्षक के रूप में और मुख्य कोच के रूप में काम किया और भारतीय खेल प्राधिकरण बैडमिंटन अकादमी में भी कार्य किया।
1992 में विश्वभर में दूसरे रैंक की खिलाड़ी कुसुमा सरवंता ने मलेशियाई ओपन जीता… और अगले ही सप्ताह, मधुमिता ने उन्हें इंडोनेशिया में दूसरे दौर में हराकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। खेल में उनके प्रदर्शन के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1982 में अर्जुन पुरस्कार और 2006 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया।
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