रांची, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के धनबाद जिले में पांच वर्षों के दौरान कोयला चोरी एवं तस्करी और इसमें पुलिस अफसरों की कथित संलिप्तता के मामले में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने को कहा है।
कोयला चोरी और तस्करी में अफसरों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच की जाएगी। रांची के एक टीवी चैनल के प्रमुख अरूप चटर्जी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश दिया है। चटर्जी के खिलाफ धनबाद जिले में 17 मामले दर्ज हैं, जिनमें उन्हें जेल भेजा गया था। चटर्जी फिलहाल जमानत पर हैं।
उन्होंने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि उन्हें दुर्भावना के तहत झूठे आरोपों में फंसाया गया, क्योंकि वे जिले में कोयला तस्करी में अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर अपने चैनल पर खबरें चला रहे थे।
अरूप चटर्जी ने इस मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर का आवेदन किया था, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका में उन्होंने कहा है कि धनबाद में इन अफसरों की संलिप्तता से 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कोयला चोरी हुई है और इससे सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा है। इस मामले में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश करते हुए कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
उन्होंने कहा था कि अरूप चटर्जी पर कई आरोप हैं और उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है, इसलिए उन्होंने प्रतिशोध के लिए यह याचिका दायर की है। लेकिन, हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के योग्य माना। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सरकार इन आरोपों की सीआईडी से जांच कर रही है। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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