औरंगाबाद, 28 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2014 में शुरू स्वच्छता अभियान के अब सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। देश भर से इसकी साकारात्मक तस्वीरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला, बिहार के औरंगाबाद से है, यहां के सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने इस परिवर्तन के बारे में बताते हुए इससे आए बदलावों को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की है। उन लोगों ने कहा कि यहां इसकी वजह से साफ-सफाई के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
सदर अस्पताल की एक महिला डॉक्टर ने कहा कि 2014 में सफाई का स्तर केवल 40 फीसदी था, लेकिन अब यह 90-95 फीसदी तक पहुंच गया है। हमें इन बदलावों से बहुत खुशी है और हम इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल से धन्यवाद देती हूं।
एक अन्य महिला डॉक्टर ने प्रधानमंत्री मोदी के इस पहल को लेकर कहा कि आज से दस साल पहले अस्पताल की स्थिति बहुत खराब थी। चारों तरफ गंदगी फैली रहती थी, लेकिन अब सफाई की स्थिति बहुत अच्छी हो गई है। हमारे अस्पताल में अब कई बार पोछा लगाया जाता है।
वहीं, एक पुरुष डॉक्टर ने कहा कि जब मैंने 2010 में सदर अस्पताल में सेवा शुरू की थी तब हालात बहुत खराब थे। अस्पताल के पीछे जलजमाव और गंदगी का भंडार था, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता था। हमने नगर परिषद और अन्य अधिकारियों से कई बार मदद मांगी, लेकिन सुधार नहीं हो पा रहा था। हाल ही में स्वच्छता के लिए चलाए गए मिशन 60 के तहत, हमें सफाई और कायाकल्प कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता पखवाड़ा जैसे अभियानों ने स्थानीय लोगों में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉक्टरों ने बताया कि अब लोग समझते हैं कि कचरा कहां फेंकना है और वह स्वच्छता के महत्व को भी समझते हैं। पहले लोग जहां-तहां थूक देते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। सदर अस्पताल में हैंड वाशिंग जैसे उपायों पर भी जोर दिया गया है, जिससे संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके। हम लोगों को सिखाते हैं कि हाथ धोने का सही तरीका क्या है और किस प्रकार खुद को सुरक्षित रखना है।
उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत हुए इस बदलाव ने केवल अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं किया, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी जागरूकता बढ़ाई है। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना चाहिए। पीएम मोदी की योजनाओं का प्रभाव आज साफ-साफ नजर आ रहा है। हम उन्हें धन्यवाद देते हैं और उम्मीद करते हैं कि ऐसे योजनाएं और भी बढ़ेंगी।
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