रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में दो हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति के लिए 21-22 सितंबर को आयोजित स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (जेएसएससी-सीजीएल) परीक्षा विवादों में फंस गई है। रीजनिंग और गणित के पेपर्स में कई सवाल पूर्व में रद्द हो चुकी परीक्षाओं के पेपर्स से हुबहू दोहराए गए हैं। अभ्यर्थियों का एक बड़ा समूह इसे साजिश बता रहा है।
रांची और हजारीबाग सहित कई शहरों में इसे लेकर विरोध दर्ज कराया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रश्नों को दोहराए जाने को कदाचार का मामला बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
विरोध कर रहे परीक्षार्थियों का दावा है कि रीजनिंग पेपर के 20 प्रश्नों में से 16 प्रश्न हूबहू वही हैं, जो 7 जून 2019 को आयोजित टियर-वन परीक्षा में पूछे गए थे। इसी तरह गणित के पेपर में भी 20 में से 16 प्रश्न वही हैं, जो 8 अगस्त 2022 को टियर-2 परीक्षा में पूछे गए थे।
अभ्यर्थियों का कहना है कि एक तरीके से प्रश्न पत्र पहले से आउट थे। संदेह है कि ऐसा जानबूझकर किया गया, ताकि चहेते छात्रों को इन प्रश्नों के उत्तर आसानी से रटवाए जा सकें।
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने परीक्षा में चोरी कराने का यह नया तरीका ईजाद किया है। उन्होंने कहा कि कई अभ्यर्थियों ने उनसे मुलाकात कर इस साजिश के बारे में अवगत कराया है और यह कतई निराधार नहीं है।
मरांडी ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, छात्रों को आशंका है कि नौकरी बेचने वाली हेमंत सरकार ने पहले से ही जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में सीटों का सौदा कर लिया है और अपने चहेतों को संबंधित प्रश्नों के उत्तर रटवा दिया हैं। जब झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पास प्रश्न तैयार करने का समय नहीं था, तो फिर हड़बड़ी में परीक्षा कराकर छात्रों का भविष्य क्यों बर्बाद किया?
उन्होंने आगे लिखा, जनवरी में हुई जेएसएससी परीक्षा के पेपर लीक के बाद, पहले से ही प्रश्न सेट कर परीक्षा में चोरी कराने का ये तरीका खतरनाक है। सीट बेचने की साजिश बार-बार बेनकाब होने के बावजूद हेमंत सरकार द्वारा युवाओं को धोखा देने की मानसिकता खतरनाक है। सरकार युवाओं की मांग का संज्ञान लेकर अविलंब परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच कराए।
जेएसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा की प्रक्रिया नौ साल से चल रही है। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के लिए चार बार आवेदन मंगाए, सात बार परीक्षा की तारीखें तय की और टाल दी। आठवीं बार परीक्षा शुरू हुई तो पेपर लीक हो गया। नौवीं बार जेएसएससी ने अगस्त, 2024 के तीसरे हफ्ते में परीक्षा लेने की डेडलाइन तय की थी, लेकिन वह इसका पालन करने में फिर फेल हो गया।
इसके बाद दसवीं बार तारीख तय हुई और 21-22 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के दौरान पेपर लीक पर रोक के लिए उपाय के तौर पर सरकार ने राज्य में परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद करा दी थी। झारखंड हाईकोर्ट ने इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने को गलत बताते हुए रविवार को संज्ञान लिया था।
--आईएएनएस
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