पटना, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और चीन के मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस सम्मेलन के दौरान क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि वे आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट निंदा करते हैं। इसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है। इस विषय पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया जाहिर की।
नीरज कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया में एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है। उन्होंने विशेष रूप से धार्मिक और नस्ल के आधार पर हो रहे भेदभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद केवल एक सैन्य चुनौती नहीं है, बल्कि यह आर्थिक आतंकवाद के रूप में भी मौजूद है।
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है और इसकी राष्ट्रीय सीमाएं पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का लगातार शिकार होती रही हैं। दुनिया की चिंता केवल परमाणु हथियारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने सदन में कहा था कि यह चिंता का विषय है, अमन-चैन कायम करने के लिए हमें आतंकवाद पर सख्त प्रहार करना होगा, लेकिन इसके मूल में धर्म, जाति और नस्ल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक आतंकवाद एक बड़ा संकट बनकर उभरा है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस शिखर सम्मेलन के नतीजे, जो एक डिक्लेरेशन के रूप में सामने आएंगे, भारत को इन चुनौतियों का सामना करने में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेंगे।
बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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