मथुरा, 21 सितंबर (आईएएनएस)। ‘किसान सम्मान निधि योजना’ ने उत्तर प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार रुपये नहीं मिलने पर जब किसान ने खतौनी निकलवाई, तो पता चला कि उसमें उसका नाम ही नहीं है। उसे मृत घोषित कर दिया गया है। मथुरा निवासी शख्स ने दावा किया है कि उसे मृत घोषित कर तहसीलदारों ने उसके नाम की जमीन किसी और के नाम पर चढ़ा दी है।
शनिवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उसने बताया कि मेरा नाम रामनिवास है। मेरे पिता की मृत्यु के बाद तीन भाइयों में खेत का बंटवारा हुआ। हमारे खेतों पर कुछ भू-माफियाओं की नजर थी। मेरे नाम पर दर्ज खेतों को लेखपाल द्वारा सांठगांठ करके किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि मैं जीवित हूं, मुझे मृत घोषित कर दिया गया।
रामनिवास ने कहा, मैं कई बार तहसीलदार के पास गया और प्रार्थना पत्र देकर आया। डीएम से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की। लेकिन, मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ। तहसील में जाता हूं, तो बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता है।
योगी सरकार में ईमानदारी की बात कही जा रही है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। कई महीनों से तहसील के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
रामनिवास ने बताया कि उसे अपने मृत होने की बात तब पता चली, जब उसके खाते में किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार रुपये नहीं आए। मैंने खतौनी निकलवाई, तो पता चला कि मेरा नाम तो खतौनी में है ही नहीं। मुझे मृत घोषित कर दिया गया है।
रामनिवास ने मांग की है कि खतौनी में मेरा नाम दर्ज किया जाए। साथ ही मेरे खिलाफ साजिश रचने वाले लोगों के खिलाफ और इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिससे भविष्य में इस तरह की समस्या से किसी को न जूझना पड़े।
रामनिवास ने इस संबंध में योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है।
--आईएएनएस
डीकेएम/सीबीटी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.