नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में एक-जगह से दूसरे जाने के लिए रेलवे परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है। भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग रहती है। रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर करने के उद्देश्य से साल 1985 में 20 सितंबर को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की स्थापना की गई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य रेलवे की संपत्ति, यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का प्रमुख कार्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दरअसल, अक्सर रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अपराधिक घटनाएं देखने को मिलती हैं। इस पर लगाम लगाने का काम आरपीएफ करता है। इसके अलावा, रेलवे की संपत्ति जैसे ट्रेन, स्टेशन और अन्य बुनियादी ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी आरपीएफ की जिम्मेदारी है। इन सब के अलावा, आपातकालीन परिस्थितियों में आरपीएफ तत्काल सहायता भी प्रदान करता है।
ऐसे में अब सवाल है कि रेलवे को आखिरकार आरपीएफ की जरूरत क्यों पड़ी। दरअसल, बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते यात्री प्रवाह के साथ, रेलवे सुरक्षा बल की आवश्यकता बढ़ गई। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अपराध की घटनाएं में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। ऐसे मामले में आरपीएफ त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है। समय-समय पर आरपीएफ ने अपने संसाधनों में भी सुधार किया। जैसे कि सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
आरपीएफ स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए निगरानी करती है। यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा की जांच करना आरपीएफ का काम है। इसके अलावा, सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आरपीएफ की ओर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आरपीएफ स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर काम करती है। रेलवे सुरक्षा बल की स्थापना के बाद भारतीय रेलवे की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरा है। यात्रियों की सुरक्षा में आरपीएफ का अतुलनीय योगदान है।
रेलवे की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1957 में संसद में पारित एक अधिनियम के तहत रेलवे सुरक्षा बल का गठन किया गया था। इसके बाद वर्ष 1966 में रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे की संपत्ति के अवैध कब्जे में शामिल अपराधियों से पूछताछ, गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया था। कई वर्षों से यह महसूस किया जा रहा था कि रेलवे सुरक्षा बल को संघ के एक सशस्त्र बल का दर्जा देने की आवश्यकता है। ऐसे में संसद द्वारा आरपीएफ अधिनियम में संशोधन कर 20 सितंबर 1985 को रेलवे सुरक्षा बल को यह दर्जा दिया गया। इसलिए हर साल 20 सितंबर को आरपीएफ के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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