नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के कपड़ा उद्योग में आने वाले वर्षों में तेज वृद्धि दर देखने को मिल सकती है और इस उद्योग का आकार बढ़कर 2030 तक 350 अरब डॉलर का हो सकता है। इस दौरान करीब 3.5 करोड़ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में एक इवेंट के दौरान कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग का आकार 2030 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर का हो सकता है और इस दौरान करीब 3.5 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कपड़ा उद्योग की प्रगति के लिए लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम से परिधान उद्योग का प्रोडक्शन बढ़ेगा और उद्योग अपनी ब्रांडिंग करने में सक्षम हो पाएंगे। साथ ही पीएलआई स्कीम की मदद से कपड़ा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री के मुताबिक, भारत अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड के कारण आने वाले वर्षों में कपड़ा उद्योग की वृद्धि दर के मामले में चीन को आसानी से पीछे छोड़ सकता है।
भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) की ओर से पिछले महीने जारी किए गए डेटा के मुताबिक, भारत के परिधान निर्यात में जुलाई में 11.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जुलाई में परिधान का निर्यात बढ़कर 1,277.20 मिलियन डॉलर हो गया, जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 1,141 मिलियन डॉलर था।
वहीं, कपड़ों का निर्यात 1,660.36 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि जुलाई में 1,663.06 मिलियन डॉलर था। कपड़ा और परिधान क्षेत्र का कुल निर्यात जुलाई 2024 में 2,937.56 मिलियन डॉलर रहा, जो कि जुलाई 2023 में 2,805.01 मिलियन डॉलर था।
बता दें कि भारत का कपड़ा और परिधान निर्यात जुलाई में बढ़ने की वजह अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में मजबूत मांग का होना था।
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