नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 को लेकर संसद के बाद अब सड़क से लेकर जेपीसी की बैठकों तक घमासान जारी है। विपक्षी दलों के साथ-साथ देश के कई मुस्लिम संगठन भी इस बिल को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। देश के कुछ मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा जारी हमलों के जवाब में अब भाजपा ने भी जवाबी रणनीति तैयार कर ली है।
पार्टी की कोशिश है कि मुस्लिम समाज और खासकर वक्फ बोर्ड से जुड़े या वक्फ मामलों के जानकार ही मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर वक्फ संशोधन कानून और सरकार की मंशा को लेकर सही तस्वीर पेश करें और साथ ही ये लोग जेपीसी की बैठक में भी बिल पर अपना पक्ष रखें।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने इसे लेकर मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में भाजपा से जुड़े हुए देश के कई राज्यों के वक्फ बोर्ड के वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्षों और वक्फ मामलों के जानकारों को बुलाया गया।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रभारी दुष्यंत गौतम और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भी पार्टी की राष्ट्रीय टीम की तरफ से बैठक में मौजूद रहें।
बैठक में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनावर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, शिया धर्म गुरु एवं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं वक्फ मामलों के एक्सपर्ट निसार हुसैन, वक्फ काउंसिल के पूर्व सदस्य मोहम्मद हारून सहित कुछ अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति भी मौजूद रहे।
गुजरात वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद राजबली को भी बैठक में शामिल होना था, लेकिन ये दोनों किन्हीं वजहों से बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में भाजपा के आला नेताओं की तरफ से कहा गया है कि बाकी संगठन और लोग जेपीसी में जाकर अपनी-अपनी बात रख रहे हैं, तो भाजपा से जुड़े मुस्लिम समुदाय, खासकर वक्फ बोर्ड से जुड़े वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्ष, प्रशासक और वक्फ मामलों के जानकार भी जेपीसी की बैठक में जाकर अपनी बात रखें।
बैठक में यह भी कहा गया है कि वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच जो भ्रम और डर का माहौल पैदा किया जा रहा है, उसे फैलने से रोका जाए। मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर सरकार की अच्छी मंशा के बारे में बताया जाए, इस कानून के फायदे गिनाए जाएं और साथ ही उन्हें यह भी बताने और समझाने का प्रयास किया जाए कि यह संशोधन गरीब और पिछड़े मुसलमानों एवं मुस्लिम महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद है।
बताया जा रहा है कि ये सभी लोग देशभर में मुस्लिम समाज के विद्वानों, प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों के साथ-साथ आम मुसलमानों के साथ भी चर्चा करेंगे। यह टीम जेपीसी के समक्ष जाकर भी बिल का पुरजोर समर्थन करेगी।
--आईएएनएस
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