कन्नौज, 3 सितंबर (आईएएनएस)। कन्नौज के बहुचर्चित और हाइप्रोफ़ाइल नवाब सिंह यादव प्रकरण में मंगलवार को उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब नवाब के भाई नीलू ने पुलिस को चकमा देते हुए विशेष पॉस्को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
नीलू ने पुलिस की 12 टीमों को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर किया। नीलू के वकील का दावा है कि पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसाया है। दूसरी तरफ, पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल कर फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों को सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।
कन्नौज पुलिस के मुताबिक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जब नवाब सिंह यादव आरोपी बना, तो नीलू ने प्रलोभन देकर पीड़िता और उसकी बुआ से बयान बदलवाया। उस पर आरोप है कि इस काम के लिए उसने चार लाख रुपये पीड़िता के बुआ के खाते में ट्रांसफर कराया। 12 अगस्त को उसने पीड़िता को कोर्ट में बयान देने से रोकने की पूरी कोशिश की और वह कामयाब भी रहा। लेकिन, 13 अगस्त को नाबालिग के माता-पिता के आने के बाद सारा खेल बिगड़ गया और इस मामले में बुआ और नीलू भी आरोपी बन गए।
पीड़िता की बुआ नवाब सिंह यादव के साथ सह आरोपी बनाई गई। दूसरी तरफ नीलू के खिलाफ साक्ष्यों से छेड़छाड़, प्रलोभन देकर बयान बदलवाने और सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद से नीलू फरार चल रहा था। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। पुलिस की 12 टीमें उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
इस बीच मंगलवार को नीलू ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में समर्पण कर दिया। नीलू के वकील राकेश तिवारी का कहना है कि पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस से घोषित इनाम की रकम की भी मांग की है।
नीलू के आत्मसमर्पण को कन्नौज एसपी अमित कुमार आनंद ने पुलिस की जीत बताई है। उनका कहना है कि पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण ही नीलू ने सरेंडर किया है। वह जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में ले जाने और आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिये पैरवी बढ़ाएंगे।
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