मुंबई, 25 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी है। इस योजना के लागू होने के बाद सियासी बयानबाजियों की बाढ़ आ गई है। इसी कड़ी में शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
आनंद दुबे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन योजना को मंजूरी मिलने के बाद यह साबित हो गया कि विपक्ष की मांग सही थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष लंबे समय से मांग कर रहा था कि सरकार को एक पेंशन योजना लानी चाहिए, जो लानी पड़ी। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देश भर में 240 सीटें जीती तो उन्हें समझ में आ गया कि 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना लानी ही पड़ेगी, ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अच्छी खासी रकम मिले।
उन्होंने कहा कि पेंशन स्कीम लाई जाए, यह विपक्ष की मांग जरूर थी, लेकिन चार राज्यों के चुनाव के पहले यह योजना लाई गई है। चार में से दो राज्य (हरियाणा और जम्मू-कश्मीर) में चुनाव का ऐलान हो चुका है। और दो अन्य राज्य झारखंड और महाराष्ट्र में किसी भी वक्त चुनाव का ऐलान किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है और चुनाव से पहले यह योजना लेकर आई है। उन्होंने आचार संहिता को भंग कर दिया है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि देश में चुनाव चल रहा है और आप योजना ला रहे हैं, चुनाव के पहले भी तो ला सकते थे? आप अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहे हैं। पेंशन स्कीम लाई जाए यह विपक्ष की मांग जरूर थी, लेकिन केंद्र सरकार को चुनाव से पहले यह योजना क्यों लानी चाहिए थी?
मालूम हो कि, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार के कर्मचारी इस योजना से लाभान्वित होंगे। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। केंद्र सरकार के एनपीएस से जुड़े कर्मचारियों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
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