रांची, 24 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य की सरकार को बच्चों-किशोरों के संरक्षण, कल्याण और न्याय के लिए कार्य करने वाली सभी संवैधानिक संस्थाओं और निकायों में रिक्त पदों पर एक माह के भीतर नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने यह आदेश बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि राज्य में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड), चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और राज्य बाल संरक्षण आयोग के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के साथ ही शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को इसकी जानकारी दें।
इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को मुकर्रर की गई है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इन संस्थाओं में अध्यक्ष एवं मेंबर के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। कुछ पदों के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है और कुछ स्थानों पर आवेदनों की स्क्रूटनी की प्रक्रिया चल रही है।
सरकार की ओर से कहा गया कि सभी पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी करने में दो माह का समय लग जाएगा। कोर्ट ने सरकार की दलील को नामंजूर करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया एक माह में पूरी की जाए।
इस याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि जेजे बोर्ड और सीडब्ल्यूसी में अभी तक 152 पद ही भरे जा सके हैं, जबकि 184 पद रिक्त हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया गया था कि इन संस्थाओं में अधिकतर पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य बाल संरक्षण आयोग में भी अध्यक्ष और सदस्यों के पद कई वर्षों से खाली हैं। इस वजह से आयोग सही तरीके से काम भी नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा सीडब्ल्यूसी और जेजे बोर्ड का सोशल ऑडिट कराने की भी मांग प्रार्थी की ओर से की गई है।
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