रांची, 14 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद राज्य के संथाल परगना प्रमंडल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच और शिनाख्त के लिए अभियान शुरू किया गया है। साहिबगंज और पाकुड़ में जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से घुसपैठियों के बारे में जानकारी देने की अपील की है। इसके लिए जल्द ही हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे। इन नंबरों पर सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
घुसपैठियों की पहचान के लिए वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग शुरू की गई है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को संथाल परगना के छह जिलों साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका, देवघर और जामताड़ा में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान स्पेशल ब्रांच से कराने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश में घुसपैठियों की पहचान के बाद उनको डिपोर्ट करने के एक्शन प्लान की जानकारी भी देने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि इन इलाकों में फर्जी राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बीपीएल कार्ड और आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनके लिए ऐसे कागजों का इस्तेमाल हो रहा है, जो गलत होते हैं। घुसपैठिए स्थानीय लोगों का हक मार रहे हैं। ऐसे दस्तावेज जारी किए जाने के पहले आवेदकों की जमीन के कागजात का मिलान जरूरी है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होनी है और इसके पहले सभी छह जिलों के उपायुक्तों को इस मुद्दे पर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें दस्तावेजों का हवाला देकर दावा किया गया था कि संथाल परगना सहित राज्य के कई इलाकों में मतदाता केंद्रों पर वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
भाजपा का कहना है कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो गए हैं। चुनाव आयोग ने इस शिकायत के आधार पर साहिबगंज के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को मतदाता सूची की जांच का निर्देश दिया था।
इसके बाद राजमहल, बरहेट और विधानसभा क्षेत्र में उन बूथों के वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग की जा रही है, जहां मतदाताओं की संख्या 350 से अधिक बढ़ी है। इस बीच राजमहल के भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि हम लोगों ने अपने स्तर से ऐसे सैकड़ों लोगों को चिह्नित किया है, जिनका नाम मतदाता सूची में गलत तरीके से दर्ज हुआ है। ऐसे लोगों के बारे में साक्ष्य के साथ जिला प्रशासन को जल्द ही जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
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