बरेली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। यूपी के बरेली जिले के थाना पूर्वी फतेहगंज से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नाई की लापरवाही के कारण एक मासूम बच्चे की जान चली गई। डेढ़ महीने का मासूम खतना के समय सबको अलविदा कह गया।
शिवपुरी गांव निवासी रफीक ने बताया कि उसने अपने डेढ़ माह के नाती का खतना कराने के लिए टिसुआ से कबीर नाई को बुलाया था। खतना के दौरान गलत नस कट गई और खून बहने लगा। परिजन उसे फरीदपुर के एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन खून बहना बंद नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई।
इस मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 अगस्त को रफीक अहमद ने थाना पूर्वी फतेहगंज में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में धारा 105 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया है। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने आरोप लगाया है कि कबीर नामक व्यक्ति द्वारा बच्चे का खतना करने के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और अस्पताल ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई।
इस मुद्दे पर शिशु रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि हर समाज की अपने सामाजिक रीति-रिवाज होती है। उसका पालन करना चाहिए, लेकिन इसके लिए किसी विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। ऑपरेशन किसी सर्जन से ही करवाना चाहिए। किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए। खतना एक सर्जिकल प्रक्रिया है, इसमें ऑक्सीजन दी जाती है। इसमें सेप्सिस और ब्लीडिंग का खतरा रहता है। कुछ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं। ऐसे में अगर खतने में कोई दिक्कत आती है, तो विशेषज्ञ ही उसका इलाज करते हैं।
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