रांची, 13 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता में पीजी मेडिकल छात्रा की रेप-हत्या की घटना के विरोध में रांची स्थित रिम्स के जूनियर डॉक्टर आज से स्ट्राइक पर चले गए हैं। इससे राज्य के बड़े हॉस्पिटल में ओपीडी एवं रूटीन सर्जरी सेवाएं बाधित हो गई हैं।
मंगलवार सुबह ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे सैकड़ों मरीजों को लौटना पड़ा। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं। जूनियर डॉक्टरों ने रिम्स कैंपस में विरोध मार्च निकाला और इसके बाद धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकित कुमार ने कहा कि कोलकाता की घटना बताती है कि मेडिकल कॉलेजों के छात्र-छात्राएं कितने असुरक्षित हैं।
आईएमए की झारखंड इकाई के सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के खिलाफ एसोसिएशन की नेशनल इकाई ने बंगाल सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन अब तक कार्रवाई का ठोस नतीजा सामने न आने की वजह से झारखंड के जूनियर डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू किया है।
इस दिशा में जल्द संतोषजनक कार्रवाई न हुई तो राज्य के तमाम सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर भी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस मुद्दे को लेकर सोमवार शाम को आईएमए और जेडीए की संयुक्त बैठक हुई थी, जिसमें कोलकाता की घटना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन की रणनीति बनी थी।
आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता की घटना की सीबीआई जांच हो और दोषी की पहचान कर उसे फांसी की सजा दी जाए। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अभिषेक ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए लंबे समय से कानून की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इस मामले में असंवेदनशील है।
डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज कैंपस में हर जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की भी मांग की है।
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