नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को लेकर सियासत गरमा गई है। केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अरुण केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा, हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में पहली बार अदाणी समूह पर आरोप लगाए थे और अब सेबी के मुखिया पर आरोप लगा रहा है। सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा था। लेकिन इसका जवाब नहीं दिया गया। अब हिंडनबर्ग की ओर से सेेेबी पर आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन यह निराधार है।
सेबी चीफ पहले ही बयान दे चुकी हैं कि उन्होंने जॉइंट इन्वेस्टमेंट को बदलकर अपने पति के नाम कर दिया था। सेबी के कानून में है कि किसी भी अफसर को शेयर बाजार से कनेक्ट इन्वेस्टमेंट की अनुमति नहीं मिलती। कोई नई बात नहीं है। मेरे ख्याल से इसका मकसद अटेंशन डाइवर्ट करना है।
सेबी के एक्शन से हिंडनबर्ग के परेशान होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेबी के कारण बताओ नोटिस का जवाब न देकर हिंडनबर्ग पर अब सेबी चीफ पर सवाल उठा रहा है। लेकिन इसकी कोई बुनियाद नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग पहले शॉर्ट सेलिंग कर शेयर बाजार को गिराता है और फिर उससे खुद लाभ कमाता है। उसने अदाणी समूह के शेयरों में भी ऐसा ही किया था।
मेरा मानना है कि जो पिछले साल जनवरी में हुआ, वह दोहराया नहीं जाएगा। भारत के निवेशकों को समझ में आ गया है कि हिंडनबर्ग क्या कर रहा है। अब हिंडनबर्ग के आरोपों पर किसी को विश्वास नहीं है। इससे बाजार पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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