नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और अशांति के बीच भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र में कुछ अनिश्चितता आई है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि अर्थव्यवस्था पर इसका पूरा प्रभाव क्या होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय व्यापारियों ने बेहतर विश्वास के साथ बांग्लादेश में निवेश किया है और इसके परिणामस्वरूप निर्यात बढ़ा है और बांग्लादेश में अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश को फायदा पहुंचाने वाले ये निवेश सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की नीति कम आय वाले देशों को उदार आयात की अनुमति देने की है और इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देने में भी मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश में नया शासन जल्द से जल्द समस्या का समाधान करेगा ताकि बांग्लादेश और भारत के लोग अपनी सामान्य स्थिति में लौट सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्री ने संसद में बयान दिया है कि भारत ने बांग्लादेश सीमा पर अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नवनियुक्त प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने सामान्य स्थिति में तेजी से वापसी की उम्मीद जताई और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का आह्वान किया।
पीएम मोदी का अनुरोध उन मीडिया रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में आया है जिनमें कहा गया है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों के नेतृत्व में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शेख हसीना सरकार को हटाने के बाद हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमला किया जा रहा है।
कई सौ बांग्लादेशी नागरिक, जिनमें ज्यादातर हिंदू थे, बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा पर विभिन्न जगहों पर एकत्र हुए क्योंकि वे संघर्षरत देश से भागने की कोशिश कर रहे थे। बीएसएफ ने सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और बांग्लादेशी नागरिकों को देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए मानव ढाल बनाने का भी सहारा लिया है। पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा से ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं।
इस बीच, बांग्लादेश के नवनियुक्त विदेश नीति सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि ढाका बड़ी शक्तियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखेगा और सभी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करेगा। हुसैन एक राजनयिक रहे हैं और बांग्लादेश के पूर्व विदेश सचिव भी रहे हैं।
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