नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक पुरुष भाला फेंक प्रतियोगिता में 92.97 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नदीम ने अपने अंतिम प्रयास में 91.79 मीटर के एक और शानदार थ्रो के साथ इस टूर्नामेंट का समापन किया। इस इवेंट में भारत के नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर के साथ अपने करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
इसके साथ ही इस बात के चांस काफी बढ़ गए हैं कि पाकिस्तान मेडल टैली में भारत से ऊपर रैंक करे। यह पाकिस्तान के ओलंपिक इतिहास का पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल था। पाकिस्तान का यह एकमात्र मेडल ही उसको पेरिस ओलंपिक की मेडल टैली में भारत से ऊपर स्थान दिलाने के लिए काफी है।
हालांकि पेरिस ओलंपिक में भारत के कुछ इवेंट बचे हैं, लेकिन गोल्ड मेडल आना काफी चुनौतीपूर्ण है। भारत ने अब तक कुल मिलाकर पेरिस ओलंपिक में 1 सिल्वर और 4 कांस्य समेत 5 मेडल जीते हैं। पाकिस्तान की ओर से सिर्फ एक मेडल आया है, लेकिन यह गोल्ड मेडल है। ओलंपिक मेडल टैली में जब रैंकिंग की बात आती है, तो मेडल की संख्या नहीं, मेडल का कलर ज्यादा मायने रखता है।
भले ही किसी देश ने कितने ही सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते हों, मेडल टैली में एक गोल्ड मेडल को सबसे ऊपर माना जाता है। इसलिए पाकिस्तान भारत की तुलना में, संख्या में कम पदक हासिल करने के बावजूद मेडल टैली में आगे है। यदि भारत अपने बाकी इवेंट में गोल्ड नहीं जीत पाता है तो पाकिस्तान पेरिस ओलंपिक में भारत से ऊपर रहेगा। यह 32 साल में पहली बार होगा जब पाकिस्तान ओलंपिक में भारत से मेडल टैली में ऊपर रहेगा।
पाकिस्तान इससे पहले कुछ मौकों पर ओलंपिक मेडल टैली में भारत से ऊपर रह चुका है। पाकिस्तान ने 1960 में रोम ओलंपिक में 1 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत तब एक ही सिल्वर मेडल लेकर आ पाया था। इस ओलंपिक में पाकिस्तान की रैंक 20 और भारत की 32 थी।
ऐसे ही 1968 के मैक्सिको ओलंपिक में भी पाकिस्तान को एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। पाकिस्तान के 29वें स्थान की तुलना में भारत सिर्फ एक ब्रॉन्ज मेडल के साथ 42वें स्थान पर रहा था। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में पाकिस्तान ने एक सिल्वर मेडल जीता और वह 33वें स्थान पर रहा। भारत हालांकि एक ब्रॉन्ज ही हासिल कर पाया और 43वें स्थान पर रहा।
इसके बाद 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पाकिस्तान ने 1 गोल्ड मेडल जीतकर 25वां स्थान हासिल किया, लेकिन भारत अपना खाता भी नहीं खोल पाया था। 1988 और 1992 के क्रमशः सियोन और बार्सिलोना ओलंपिक में भी पाकिस्तान ने 1-1 ब्रॉन्ज मेडल जीता, लेकिन भारत एक भी मेडल नहीं जीत सका था।
--आईएएनएस
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