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मुझे और मेरी बहन को पुलिस ने नहीं पकड़ा, कृपया भ्रामक बातें न फैलाएं : अंतिम पंघाल

मुझे और मेरी बहन को पुलिस ने नहीं पकड़ा, कृपया भ्रामक बातें न फैलाएं : अंतिम पंघाल

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

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पेरिस 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारत की महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने अपील की है कि उनके बारे में भ्रामक बातें न फैलाई जाएं। अंतिम पंघाल ने एक वीडियो के जरिए कहा कि न तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है और न ही उनकी बहन को। इसके अलावा उन्होंने अपने कोच के लोकल लोगों के साथ झगड़े पर भी बात की।

पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पदक की बड़ी उम्मीद अंतिम पंघाल को बुधवार को 53 किग्रा प्री-क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं। यह भारत के लिए बहुत बड़ा झटका था।

अंतिम पंघाल ने हार के बाद अगले दिन वीडियो के जरिए बताया कि उनके बारे में कई ऐसी भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, जो सही नहीं है। दो बार की विश्व जूनियर चैंपियन और पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता अंतिम ने कहा, मैं पेरिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए आई थी। बुधवार को मेरे बाउट थे, लेकिन मेरे लिए अच्छा दिन न होने के कारण, बाउट सही से नहीं लड़ने के कारण, मुझे हार मिली।

तब से ऐसी बातें चल रही हैं कि अंतिम और उसकी बहन को पुलिस पकड़कर ले गई है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। बाउट हारने के बाद मेरी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई थी। मेरी बहन ने मेरी तबीयत को देखते हुए, मुझे अपने साथ रहने के लिए होटल में बुलाया था। मैंने अपने कोच से अपनी बहन के साथ रहने के लिए इजाजत भी ले ली थी। मुझे इसके लिए इजाजत मिल गई और मैं अपनी बहन के पास होटल में आ गई थी।

उन्होंने आगे कहा, लेकिन मेरा कुछ जरूरी सामान ओलंपिक विलेज में छूट गया था। मेरी तबीयत खराब होने के कारण, मेरी बहन मेरा कार्ड लेकर ओलंपिक विलेज में मेरा सामान लेने चली गई थी। ओलंपिक विलेज में मेरी बहन ने मेरा सामान लेने की इजाजत मांगी थी। वहां मेरी बहन के पास मेरा कार्ड देखा गया, जिसको अधिकारियों ने अपने पास रख लिया। वह लोग केवल उस कार्ड की वेरिफिकेशन के लिए मेरी बहन को पुलिस स्टेशन लेकर गए थे। पुलिस स्टेशन जाने का एकमात्र कारण यह वेरिफिकेशन ही था। मैं पुलिस स्टेशन नहीं गई थी। वेरिफिकेशन करने के बाद मेरी बहन को वापस भेज दिया था।

अंतिम ने कहा कि यह सब बातें भी हो रही हैं कि, मेरे कोच ने गाड़ी वालों के साथ झगड़ा किया। बाउट में मिली हार के बाद मेरे कोच दुखी थी। हम लोग जल्दी होटल आ गए थे, लेकिन कोच वहीं पर रुक गए थे। हमने खुद कोच के लिए कैब बुक की थी। होटल पहुंचने के बाद कोच और कैब वाले के बीच भाषा को लेकर दिक्कत हो रही थी।

मेरे कोच ने गाड़ी वाले से कहा कि उनके पास किराया चुकाने के लिए पर्याप्त यूरो नहीं हैं। बाकी के यूरो होटल रूम में है। लेकिन गाड़ी वाले को यह समझ नहीं आ रहा था, और गाड़ी वाले की बात कोच को समझ नहीं आ रही थी। जब कोच यूरो लेने के लिए होटल गए, तो रूम ऊपर होने के चलते पांच मिनट लग गई। इसी बात पर गाड़ी वाले के साथ कोच का थोड़ा झगड़ा हो गया था।

अंतिम पंघाल ने कहा कि इन सब बातों के बाद कहा जा रहा है कि मुझे तुरंत भारत वापस बुलाया जा रहा है। जबकि, सच यह है कि अपना बाउट हारने के बाद मैंने अथॉरिटी से तुरंत आग्रह किया था, कि भारत के लिए मेरी फ्लाइट बुक कर दी जाए। इसलिए, मेरी प्लाइट पहले ही बुक हो चुकी थी। इन सब घटनाओं का मेरी फ्लाइट से कोई संबंध नहीं है। मैं आप सबसे यह कहना चाहती हूं कि पहले ही मेरा दिन बहुत खराब रहा है। अब कृपया ऐसी बातें मत फैलाएं।

--आईएएनएस

एएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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