दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सम्मेलन सोमवार को दिल्ली में होगा। सेना के तीनों अंगों के इस सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों के वित्तीय मुद्दों में सामंजस्य और तालमेल बढ़ाना है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान यहां मानेकशॉ सेंटर में सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा मंत्रालय (वित्त), रक्षा लेखा महानियंत्रक, एकीकृत वित्तीय सलाहकार सेवाएं, सरकारी ई-मार्केटप्लेस, सेवा मुख्यालय और भारतीय तटरक्षक मुख्यालय के वरिष्ठ भी अधिकारी भाग लेंगे। सीडीएस जनरल अनिल चौहान यहां मुख्य भाषण देंगे।
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि सशस्त्र बलों में एकीकरण पर चल रहे अभियान के लिए निर्धारित उद्देश्यों के अनुरूप, इस सम्मेलन का समन्वयन मुख्यालय आईडीएस कर रहा है। इसका उद्देश्य वित्तीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और अधिक तालमेल बनाना है। सम्मेलन में विभिन्न हितधारकों के दृष्टिकोण को समझने और रक्षा खरीद में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के पहलुओं पर चर्चा होगी।
वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) और महानिदेशक (अधिग्रहण) भी शीघ्र खरीद में अपने संगठनों की भूमिकाओं और कार्यों पर विशिष्ट वार्ता करेंगे।
रक्षा मंत्रालय लगातार बीते कुछ वर्षों से सेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर जोर दे रहा है। इसके तहत स्वदेशी उपकरणों की खरीद और उन्हें विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। इसके अंतर्गत भारतीय सेना के बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों बेहतर किया जा रहा। दूसरी और तटरक्षक बलों की इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए भी आधुनिक प्रणाली की खरीद को मंजूरी दी गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक 29 जुलाई को हुई थी। इस बैठक में विभिन्न पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों पर विचार किया गया। भारतीय सेना के बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (एएफवी) के लिए उन्नत भूमि नौवहन प्रणाली (एएलएनएस) की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उच्च स्तर के एन्क्रिप्शन के साथ यह प्रणाली स्पूफ-प्रूफ है।
--आईएएनएस
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