मुंबई, 3 अगस्त (आईएएनएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट के द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों को सड़कों से हटाने के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार और मुंबई महानगर पालिका हरकत में आ गई है।
सरकार और महानगरपालिका कोर्ट के ऑर्डर का पालन करते हुए फेरीवालों को सड़कों से हटाने का काम कर रही है। इसके बाद इस मुद्दे पर पूरे महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है।
सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने इसी मुद्दे पर सरकार से इन फेरी वाले लोगों को 2014 के वेंडर एक्ट के मुताबिक जगह देने की गुजारिश की है।
उन्होंने कहा- हमारे देश में बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पिछले पच्चीस-तीस सालों में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं हुई। अब हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जो लोग सड़कों पर रेहड़ी-पटरी लगाते हैं, सब्जियां बेचते हैं। स्टेशन के बाहर रहते हैं। ऐसे लोग जो अंधेरी, बांद्रा, मोहम्मद अली रोड, कोलाबा में सड़क पर काम वाले फेरीवालों को हटाया जा रहा है। 2014 के वेंडर एक्ट के मुताबिक इस सब फेरीवालों को लोकलाइज करके जगह देना था, जिससे वह रोजी-रोटी कमा सकते थे। सरकार सबको सरकारी नौकरी नहीं दे सकती, तो वेंडर एक्ट के मुताबिक सबको लोकलाइज करके धंधा करने के लिए जगह दी जानी थी।
इसके साथ ही उन्होंने देश में बढ़ रही गरीबी और 80 करोड़ लोगों को मिल रहे राशन को भी चिन्हित किया।
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि इन लोगों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी की जा रही है। इसी मुल्क के लोग अपना पेट नहीं भर पा रहे हैं। मुल्क के 80 करोड़ लोगों को पांच किलो राशन मिलता है, जिससे उनका घर चल पा रहा है। यह गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों के साथ ज्यादती है। मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि आप हाईकोर्ट के आदेश को मानिए लेकिन उससे पहले वेंडरों के लिए जगह सुनिश्चित की जाए। जिससे सारे लोग अपना धंधा करके रोजी-रोटी कमा सकें।
साथ ही उन्होंने बेरोजगारी बढ़ने के साथ क्राइम रेट बढ़ने पर भी सरकार को चेताया।
उन्होंने कहा, “अगर ऐसा नहीं किया गया तो बेरोजगारी बढ़ेगी, और जब बेरोजगारी बढ़ेगी तो क्राइम बढ़ेगा। मरता क्या न करता। कहते हैं, जब तक भूखा इंसान रहेगा, सड़कों पर तूफान रहेगा। सरकार को गंभीरता के साथ फेरीवालों के विषय में सोचना चाहिए। इन लोगों को लूटने की बजाए, इनको बसा कर इनकी रोजी-रोटी का इंतजाम करना चाहिए। सरकार और महानगरपालिका कोर्ट के ऑर्डर का पालन करते हुए फेरीवालों को सड़कों से हटा रहे है लेकिन, 2014 स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत इन फेरीवालों को पहले ही रेगुलेट क्यों नहीं किया गया? क्यों इन्हे रजिस्टर करके कारोबार करने की जगह नहीं दी गई? सरकार रोजगार नहीं दे सकती, और इन्हें सड़क पर कारोबार करने से भी रोका जा रहा है ऐसे में अगर ये मजबूर होकर अपराध की तरफ जाते है तो कौन जिम्मेदार होगा?”
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