जोधपुर, 3 अगस्त (आईएएनएस)। मानसून की पहली बारिश में ही जोधपुर-जयपुर नेशनल हाईवे की हालत खराब हो गई। सारण नगर से लेकर नादड़ी तक लगभग दो किलोमीटर लंबे हाईवे पर गंदा पानी बह रहा है, जिसके चलते हाईवे नदी में तब्दील हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह समस्या पिछले साल भी थी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से वादा किया था कि वह जल्द ही इस समस्या से निजात दिलाएंगे। लेकिन, गहलोत सरकार का यह वादा अधूरा रह गया। प्रदेश की नई सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने भी जनता से वादा किया था कि बारिश से पहले इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। लेकिन, यथास्थिति बनी हुई है।
इस समस्या पर जिला प्रशासन भी आंख मूंद कर बैठा हुआ है। इस हाईवे से गुजरने वाले लोग सरकार और जिला प्रशासन को कोसते हैं। स्थानीय लोगों ने तो अब उम्मीद ही छोड़ दी है कि उन्हें इस समस्या से निजात मिलेगा। प्रदेश सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए प्लान तो बनाए हैं, लेकिन वह कागजों तक सीमित है।
इस हाइवे के अलावा जोधपुर में कई ऐसे ड्रेनेज सिस्टम है, जिनकी हालत खराब है। प्रशासन ने ऐसे ड्रेनेज सिस्टम को चिन्हित कर रखा है, लेकिन बारिश के बाद प्रशासन के प्लान फेल हो जाते है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और प्रशासन की नींद कब खुलती है और इस समस्या का समाधान कब होता है।
मालूम हो कि, मानसून की पहली बारिश में कई जगहों से जलभराव की तस्वीरें सामने आई हैं। मुंबई से लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार तक, मानसून की पहली बारिश ने कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे यातायात और दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है। हरिद्वार में बारिश के कारण गंगा नदी में कारों के बह जाने की तस्वीरें सामने आई है।
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