नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में वायु सेना द्वारा तरंग शक्ति अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए 51 देशों को आमंत्रित किया गया था। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का पहला चरण 6 अगस्त को सुलूर में शुरू होगा। सुलूर, तमिलनाडु के कोयंबटूर के पास स्थित है। यहां अभ्यास का पहला चरण 14 अगस्त तक जारी रहेगा।
इसमें जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और यूके आदि देश भाग लेंगे। वहीं, अमेरिका, ग्रीस और कई अन्य देश 1-14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित होने वाले अभ्यास तरंग शक्ति के दूसरे चरण में शामिल होंगे।
वायुसेना का कहना है कि वह भारत में पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति का आयोजन सुलूर और जोधपुर में कर रहे हैं। वायुसेना के मुताबिक इस अभ्यास का एक मुख्य फोकस आत्मनिर्भरता के तहत स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करना होगा। अभ्यास के दौरान सुलूर और जोधपुर दोनों जगहों पर मेड इन इंडिया प्रदर्शनी भी होगी। अभ्यास में भारत के स्वदेशी एलसीए तेजस, एलसीएच प्रचंड और अन्य हथियार प्रणालियों सहित मेक इन इंडिया उपकरण को प्रदर्शित किया जाएगा।
इस अभ्यास में रूस सहित कुल 51 देशों को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, रूस अपने देश में चल रहे संघर्ष के कारण इसमें भाग नहीं ले रहा है। तरंग शक्ति सैन्य अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक सुलूर, दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित किया जाएगा।
तरंग शक्ति अभ्यास में एलसीए तेजस, मिराज 2000 और राफेल भाग लेने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ‘तरंग शक्ति’ युद्धाभ्यास में 12 वायु सेनाओं के फाइटर व स्ट्रैटेजिक विमान शामिल हो सकते हैं। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, जर्मनी व यूएई के फाइटर जेट शामिल हो रहे हैं।
माना जा रहा है कि तरंग शक्ति युद्धाभ्यास अमेरिका के ‘रेड फ्लैग वॉर गेम’ के स्तर का होगा। रेड फ्लैग वॉर गेम में नाटो देश शामिल हैं। तरंग शक्ति अभ्यास में भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर, तेजस, मिग 29, प्रचंड और रुद्र अटैक हेलिकॉप्टर, एएचएल ध्रुव, सी-130 भी शामिल होंगे।
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