Ram Lalla Surya Tilak Types; राम लला को कितनी तरह के तिलक किए जाते हैं ,जानें उनका महत्व
Ram Lalla Surya Tilak Types: राम लला सूर्य तिलक एक प्रकार का अनुष्ठान है जो अयोध्या स्थित राम मंदिर में राम नवमी के पावन अवसर पर किया जाता है. इसमें सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाकर भगवान रामलला की मूर्ति के मस्तक पर लगाया जाता है.
नई दिल्ली :
Ram Lalla Surya Tilak Types: रामलला को अलग अवसरों पर अलग प्रकार के तिलक किए जाते हैं. भगवान राम के तिलक का महत्व बहुत विशिष्ट है. राम के तिलक को हिन्दू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. यह तिलक राम भक्ति और समर्थन का प्रतीक है, जो उनके आदर्शों और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है. इसके अलावा, इसे सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है, जो हिन्दू संस्कृति और धार्मिक विचारधारा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है. राम के तिलक को धारण करने से भक्त अपने मन में उनकी भक्ति को दर्शाते हैं और उनके आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं. इनमें से कुछ प्रमुख तिलक और उनके महत्व के बारे में जानते हैं.
1. चन्दन का तिलक: यह सबसे आम तिलक है जो रोजाना पूजा के दौरान रामलला को लगाया जाता है. चन्दन को शीतल और पवित्र माना जाता है, और यह भगवान राम को शांति और समृद्धि प्रदान करने का प्रतीक है.
2. अष्टगंध का तिलक: यह विशेष अवसरों पर, जैसे कि त्योहारों और पूजा के दौरान लगाया जाता है. अष्टगंध, आठ सुगंधित पदार्थों का मिश्रण - चन्दन, कपूर, केसर, अगर, जायफल, लौंग, इलायची और गोरोचन होता है. गवान राम को सुगंध और आकर्षण प्रदान करता है. भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्रदान करता है. माहौल को शुद्ध और पवित्र करता है.
3. केसर का तिलक: यह तिलक विशेष अवसरों, जैसे त्योहारों और पूजा के दौरान लगाया जाता है. केसर को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और यह भगवान राम को आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करने का प्रतीक है.
4. हल्दी का तिलक: यह तिलक अक्सर विवाह, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर लगाया जाता है. हल्दी को पवित्र और शुभ माना जाता है, और यह भगवान राम को आरोग्य और दीर्घायु प्रदान करने का प्रतीक है.
5. सिंदूर का तिलक: यह तिलक विशेष रूप से होली के त्योहार पर लगाया जाता है. सिंदूर को खुशी और उत्साह का प्रतीक माना जाता है, और यह भगवान राम को हर्ष और उल्लास प्रदान करने का प्रतीक है.
6. विभूति का तिलक: शिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर ये तिलक लगाया जाता है. विभूति को शक्ति और त्याग का प्रतीक माना जाता है, और यह भगवान राम को शक्ति और आत्म-संयम प्रदान करने का प्रतीक है.
इनके अलावा, रामलला को तरह-तरह के फूलों और पत्तियों से भी तिलक लगाया जाता है. प्रत्येक फूल या पत्ती का अपना धार्मिक और प्रतीकात्मक महत्व होता है. तिलक लगाने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. यह भगवान राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है. ऐसा माना जाता है कि तिलक लगाने से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है. रामलला को अलग-अलग तरह के तिलक किए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना धार्मिक, प्रतीकात्मक और आध्यात्मिक महत्व होता है. यह भक्तों के लिए भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है.
तिलक लगाने की विधि
पुजारी पहले रामलला के माथे को साफ करते हैं. फिर, वे अपनी उंगली या तिलक लगाने वाली लकड़ी का उपयोग करके चन्दन या अष्टगंध का लेप लगाते हैं. तिलक आमतौर पर माथे के बीच में, भौंहों के बीच, या माथे के दोनों तरफ लगाया जाता है. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में भी मदद करता है. तिलक लगाने की विधि और मंत्र मंदिर और परंपरा के अनुसार अलग हो सकते हैं. कुछ मंदिरों में, भक्तों को भी तिलक लगाया जाता है. रामलला को तिलक लगाने के अलावा, उनकी पूजा में कई तरह के फूल, फल, मिठाई और नैवेद्य भी अर्पित किए जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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